ऐसा कहा जाता हैं की अखिलेश यादव ने कांग्रेस के सामने गठबंधन से पहले शर्त रखी थी, राहुल गांधी रायबरेली से चुनाव लड़ें. अव्वल तो ऐसी ही रैली मैनपुरी में भी होनी चाहिये थी, लेकिन 20 मई से पहले रायबरेली में ऐसा ही नजारा देखने को मिलेगा, ये पक्का हो गया है.
ये भी संयोग ही है कि राहुल गांधी जिस दिन अखिलेश यादव के लिए वोट मांगने कन्नौज पहुंचे, दिल्ली में अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम जमानत भी उसी दिन मिली – और वो भी चुनाव प्रचार के लिए ही. अरविंद केजरीवाल को लोकसभा चुनाव में मतदान के आखिरी दिन 1 जून तक अंतरिम जमानत मिली है, और अगले ही दिन यानी 2 जून को उनको सरेंडर करना ही होगा. कन्नौज की रैली में आम आदमी पार्टी की तरफ से राज्यसभा सांसद संजय सिंह भी शामिल हुए. संजय सिंह को भी कुछ ही दिन पहले जमानत मिली थी
कन्नौज सीट पर 2019 में डिंपल यादव बीजेपी के सुब्रत पाठक से चुनाव हार गई थीं. बाद में उपचुनाव जीत कर संसद पहुंची, और अब अखिलेश यादव उसी हार का बदला लेने के लिए कन्नौज के मैदान में उतरे हैं. कन्नौज भी मुलायम सिंह की सीट रही है, और अखिलेश यादव भी लोकसभा में कन्नौज का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं. मौके की नजाकत को समझते हुए अखिलेश यादव ने कन्नौज से अपने परिवार के रिश्ते को भी वैसे ही पेश करने की कोशिश की जैसे गांधी परिवार रायबरेली से जोड़ कर पेश कर रहा है.