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बड़ी खबर : शारदा चौक से तात्यापारा चौक तक होगा सड़क चौड़ीकरण, 60 करोड़ बांटना है मुआवजा, 10 करोड़ जारी, एक महीने में तो आचार संहिता लग जाएगी, कैसे पूरा होगा प्रोजेक्ट

बिगुल
पौने 5 साल बाद शारदा चौक से तात्यापारा चौक तक सड़क चौड़ीकरण की याद सरकार को आ ही गई. जब एक महीने में आचार संहिता लगने वाली है तब बजट में सिर्फ इस सड़क के लिए 10 करोड रुपए का प्रावधान किया गया है जबकि व्यापारियों व निवासियों को 60 करोड़ से अधिक का मुआवजा देना बचा है। लगभग एक महीने बाद आचार संहिता भी लगती है, ऐसे में इस प्रोजेक्ट की सफलता पर अभी से प्रश्न चिन्ह लगने खड़े हो गए हैं।

सूत्रों के मुताबिक इस प्रोजेक्ट के लिए आज तक आदेश जारी नही हुआ है, अब हार के भय के चलते 7 दिन में आदेश जारी करने की बात कर रहे हैं। अगर आदेश जारी भी हो गया तो इस सड़क का कार्य भूपेश बघेल के कार्यकाल में तो चालू नहीं हो पाएगा।

विपक्ष का आरोप है कि दरअसल यह पूरी कार्यवाही जनता को भ्रम में डालने के लिए है। क्योंकि कब मुआवजा बटेगा? कब मुआवजा का रिवीजन होगा? और कब टेंडर होगा? यह सब अभी तय नहीं है सिर्फ चुनाव में हार को देखकर अफसर शिगूफेबाजी कर रहे हैं।

पूर्व मंत्री और भाजपा विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने इस मामले में टिप्पणी करते हुए कहा कि रायपुर शहर के साथ पौने 5 साल सौतेला व्यवहार किया गया। रायपुर शहर के चारों सीटों पर हार के डर से घोषणा कर रहे हैं, भूमिपूजन कर रहे है।

मुख्यमंत्री द्वारा किए गए रायपुर शहर की दर्जनों घोषणाएं पौने 5 साल में प्रारंभ नहीं हो पाई।
श्री अग्रवाल ने कहा कि भाजपा सरकार के कार्यकाल में क्रमबद्ध रूप से तात्यापारा चौक से लेकर आमापारा चौक होते हुए टाटीबंध तक और शारदा चौक से शास्त्री चौक, शंकर नगर चौक होकर जोरा तक की सड़क का चौड़ीकरण कराया था, सिर्फ शारदा चौक से तात्या पारा चौक तक लगभग 700 मीटर सड़क का चौड़ीकरण का काम नहीं हो पाया था। जिसे मुख्यमंत्री जी पौने 5 साल में नहीं कर पाए।

श्री अग्रवाल ने कहा कि मैंने स्वयं इसके चौड़ीकरण के लिए मुख्यमंत्री जी को एक दर्जन से ज्यादा पत्र लिखे हैं और मुख्यमंत्री जी ने हर बार सदन में भी आश्वासन दिया था कि शीघ्र प्रारंभ कराया जाएगा पर पौने 5 साल में उन्हें सड़क बनाने की याद नहीं आई। अब, जब रायपुर के चारों विधानसभाओं में हार का डर दिख रहा है तब उन्हें सड़क की याद आ रही है और 7 दिन में वित्त विभाग से आदेश जारी करने की बात कह रहे है।

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