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फैसला : केन्द्र सरकार ने वक़्फ़ बोर्ड की 123 संपत्तियों को वापस मांगा, जामा मस्जिद भी शामिल, जानिए सरकार क्यों मांग रही है ये संपत्तियां

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नई दिल्ली. वक़्फ़ बोर्ड की 123 संपत्तियों पर केन्द्र सरकार ने बड़ा फैसला करते हुए उसे वापस लेने का नोटिस भेजा है. इसमें जामा मस्जिद भी शामिल है जिसे नोटिस भेज दिया गया है.

केंद्र सरकार के शहरी विकास मंत्रालय ने वक़्फ़ बोर्ड की 123 संपत्तियों को वापस लेने के लिए नोटिस जारी किया है। इसके पहले कांग्रेस सरकार ने जामा मस्जिद को वक़्फ़ बोर्ड को दिया था। दिल्ली में 123 वक्फ संपत्तियों का सर्वे हुआ है जिसे केन्द्र सरकार वापस लेना चाहती है.

दिल्ली की जामा मस्जिद को नोटिस दिया गया है जिसे पूर्ववर्ती मनमोहन सिंह की सरकार ने ‘दान’ कर दिया था. ये सभी संपत्तियाँ कॉन्ग्रेस सरकार के दौरान दिल्ली वक्फ बोर्ड को दे दी गई थीं। इन संपत्तियों को दिल्ली वक्फ बोर्ड को देने को लेकर ‘विश्व हिंदू परिषद’ ने दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। अगस्त 2014 में हाईकोर्ट ने आदेश का पालन करते हुए मंत्रालय ने हाईकोर्ट के पूर्व जस्टिस एसपी गर्ग की अध्यक्षता में दो सदस्यीय समिति का गठन किया था।

केंद्र की मोदी सरकार ने राजधानी स्थित नई दिल्ली जामा मस्जिद को नोटिस भेजा है। 18 अगस्त 2023 को जारी इस नोटिस में कहा गया है कि दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश के अनुसार मस्जिद का निरीक्षण किया जाएगा। इसके अलावा, दिल्ली वक्फ बोर्ड की 123 संपत्तियों को कब्जे में लेने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, केंद्रीय आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय के आदेश के बाद नई दिल्ली जामा मस्जिगौरतलब है कि केंद्र सरकार ने दिल्ली वक्फ बोर्ड से जुड़ी 123 संपत्तियों को अपने कब्जे में लेने का फैसला किया है। इन संपत्तियों में मस्जिद, कब्रिस्तान और दरगाह शामिल हैं। इसको लेकर मंत्रालय ने दिल्ली वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष अमानतुल्लाह खान को नोटिस भी जारी किया था। यही नहीं मंत्रालय ने सभी 123 संपत्तियों के बाहर नोटिस भी चस्पा कराए थे।

इस पर मंत्रालय के भूमि एवं विकास कार्यालय ने कहा था कि रिटायर्ड जस्टिस एसपी गर्ग की अध्यक्षता में दो सदस्यीय समिति बनाई। समिति ने अपनी रिपोर्ट में गैर-अधिसूचित वक्फ संपत्तियों के मुद्दे पर कहा था कि उसे दिल्ली वक्फ बोर्ड से कोई प्रतिनिधित्व या आपत्ति प्राप्त नहीं हुई है। समिति की सिफारिश पर केंद्र ने इन संपत्तियों को अपने नियंत्रण में लेने का फैसला किया।

उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार के इस फैसले के खिलाफ दिल्ली वक्फ बोर्ड ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। इस याचिका में वक्फ बोर्ड की 123 संपत्तियों के निरीक्षण और तोड़फोड़ पर रोक लगाने की माँग की गई थी, लेकिन मई 2023 में हाईकोर्ट ने यह याचिका खारिज दी थी।

बता दें कि ये सभी संपत्तियाँ कॉन्ग्रेस सरकार के दौरान दिल्ली वक्फ बोर्ड को दे दी गई थीं। इन संपत्तियों को दिल्ली वक्फ बोर्ड को देने को लेकर ‘विश्व हिंदू परिषद’ ने दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। अगस्त 2014 में हाईकोर्ट ने आदेश का पालन करते हुए मंत्रालय ने हाईकोर्ट के पूर्व जस्टिस एसपी गर्ग की अध्यक्षता में दो सदस्यीय समिति का गठन किया था।

इस समिति ने दिल्ली वक्फ बोर्ड के सभी हितधारकों और प्रभावितों का पक्ष को सुनने के बाद केंद्र सरकार से इन संपत्तियों को अपने नियंत्रण में लेने की सिफारिश की थी। इस सिफारिश पर अमल करते हुए केंद्र सरकार ने इन संपत्तियों को अपने अधिकार में लेने का निर्णय किया है।

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