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जीएसटी अफसर ने दुर्ग के कारोबारी से रिश्वत मांगने के आरोप में लगाई याचिका, पढ़ें पूरा मामला

बिगुल
दुर्ग के एक कारोबारी से 34 लाख रुपये की रिश्वत मांगने के आरोप में फंसे जीएसटी अफसर की गिरफ्तारी के बाद हाइकोर्ट में मामला पहुंचा है। इस मामले में सीबीआई ने एक अन्य विनय राय को अभियुक्त के रूप में पकड़ा था।

दरअसल, दुर्ग के मेसर्स द वर्ल्ड ऑफ ब्यूटी के मालिक लाल चंद अठवानी से रिश्वत की मांग की गई थी। इस मामले में एक आरोपी को पांच लाख रुपये लेते हुए रंगेहाथों पकड़ा गया था। सीबीआई ने इस मामले में जांच शुरू कर दी है। इस पूरे मामले में राहत के लिए याचिकाकर्ता भरत सिंह के अधिवक्ता प्रगल्भ शर्मा और अन्य के माध्यम से विविध आपराधिक मामला याचिका लगाई है। सोमवार को चीफ जस्टिस रमेश कुमार सिन्हा की सिंगल बेंच में सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने कहा जांच एजेंसी ने अवैध संशोधन किया है कि जीएसटी राशि पर समझौता करने की मांग की गई थी, वास्तव में किसी अन्य व्यक्ति द्वारा सूचित किया गया था, जो फरार हो गया है और उसे गिरफ्तार नहीं किया गया है।

वहीं कोर्ट ने सीबीआई के वकील वैभव ए गोवर्धन के इस मामले में काउंटर जवाब पेश नहीं किया, जिस पर कड़ी फटकार लगाई। वहीं चीफ जस्टिस की सिंगल बैंच ने कहा कि आवेदक के खिलाफ जांच के दौरान एकत्र किए गए साक्ष्यों को लागू करने के लिए दो सप्ताह का समय मांगा गया है। अगली सुनवाई दो सप्ताह बाद होगी।

यह था मामला
सेंट्रल जीएसटी की टीम ने 28-29 जनवरी को दुर्ग के स्टेशन रोड स्थित मेसर्स वर्ल्ड ऑफ ब्यूटी में छापेमारी की थी। तलाशी के दौरान गड़बड़ी पकड़े जाने पर संचालक लालचंद अठवानी से 34 लाख रुपये रिश्वत की मांग की गई थी। इस दौरान एक व्यक्ति ने लेन-देन कर पूरा मामला रफादफा कराने में मध्यस्थता की थी। लेन-देन की सूचना मिलने पर सीबीआई की टीम ने जाल बिछाया और 31 जनवरी की शाम वीआईपी रोड स्थित करेंसी टावर के पास 5 लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों ड्राइवर विनय राय को गिरफ्तार किया। विनय राय के बाद टीम ने अधीक्षक भरत सिंह को गिरफ्तार किया था। इस दौरान मिली जानकारी के आधार पर सीबीआई की टीम ने सीजीएसटी के दफ्तर में दबिश दी। पूछताछ में मध्यस्थ और कुछ अन्य लोगों के नाम सामने आने पर दोनों को पूछताछ के लिए रिमांड पर लिया गया था। वहीं इस पूरे मामले में अब हाई कोर्ट में सुनवाई चल रही है।

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