देश के कई राज्यों में भीषण गर्मी पड़ रही है. 16 मई से ही उत्तर-पश्चिम भारत में लू की स्थिति बनी हुई है और संभावना है कि अगले कुछ दिनों तक लोगों को इससे राहत नहीं मिलने वाली है. इस बीच मध्य प्रदेश के 20 जिलों में पारा 45 डिग्री सेल्सियस को पार कर गया है. वहीं चार जिलों निवाड़ी, दतिया, खजुराहो और रीवा में मंगलवार को तापमान 48 डिग्री सेल्सियस से अधिक दर्ज किया गया है.
वहीं, झारखंड में तापमा 48 डिग्री पहुंच गया है. वहीं, हरियाणा पारा 49 डिग्री सेल्सियस के करीब पहुंच चुका है. मौसम विभाग ने चंडीगढ़ में भी अगल हफ्ते तक हीटवेव का रेड अलर्ट जारी किया है, जबकि राजस्थान में तापमान 50 डिग्री के पार पहुंच गया है.
बढ़ते तापमान के कारण लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. इसके चलते वेट-बल्ब टेंपरेचर की स्थिति बन रही है. वेट-बल्ब टेंपरेचर की स्थिति लोगों के लिए काफी ज्यादा खतरनाक होती है. इसमें तापमान बढ़ने के साथ-साथ हाई मॉइस्चर भी होता है. इसके चलते गर्मी बहुत ज्यादा हो जाती है. ऐसे में शरीर का कूलिंग सिस्टम फेल होने लगता है.
कितनी गर्मी बर्दाश्त कर सकती है मानव शरीर
ऐसे में सवाल यह है कि आखिर इंसान का शरीर आखिर कितना तापमान सह सकता है. अगर आपको इस बात की जानकारी नहीं हो तो कोई बात नहीं आज हम आपको इसके बारे में ही बताने जा रहे हैं. इंसानी शरीर का सामान्य तापमान 98.9 डिग्री फॉरेनहाइट होता है. जो आपके बाहरी तापमान के 37 डिग्री सेल्सियस के बराबर होता है. जो 42 डिग्री सेल्सियस तक तापमान सह सकता है. इंसान के शरीर में एक खास तंत्र ‘होमियोस्टैसिस’ होता है, इंसान को इस तापमान में भी सुरक्षित रखता है.
शरीर को होने लगता है नुकसान
42 डिग्री तापमान में इंसान जीवित रह सकता है, लेकिन अगर तापमान इससे ज्यादा हो तो वह इंसानी शरीर के लिए नुकसानदायक हो सकता है. जैसे-जैसे तापमान जब 40 डिग्री पार होने लगता है, वैसे-वैसे लोगों को परेशानी होने लगती है.
अगर पारा 45 डिग्री पहुंच जाए तो लोगों को बेहोशी, चक्कर या घबराहट जैसी शिकायतों हो सकती हैं. इसके अलावा लोगों का ब्लड प्रेशर कम होने की समस्या भी हो सकती है. वहीं, 48 से 50 डिग्री या उससे ज्यादा तापमान में बहुत देर रहते हैं तो मांसपेशियां पूरी तरह जवाब दे सकती हैं जो मौत भी बन सकती है. इंसानों के लिए 50 डिग्री का तापमान बर्दाश्त करना मुश्किल हो जाता है.