लोकसभा चुनाव 2024 का अंतिम चरण आज 1 जून को है और परिणाम 4 जून को घोषित होंगे. इन सभी के बीच 2017 और 2022 के यूपी विधानसभा चुनावों की चर्चा खूब हो रही है.
2017 में उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव हुए थे तब तक योगी आदित्यनाथ का चेहरा सबके सामने पेश नहीं किया था, लेकिन 2022 में सबको पता था कि अगर बीजेपी जीतती है तो सीएम योगी आदित्यनाथ ही होंगे.
2017 के विधानसभा चुनाव में 300 सीटों के करीब समाजवादी पार्टी ने चुनाव लड़ा था. उसके बाद 2022 में लोगों के पास जब योगी आदित्यनाथ का चेहरा था तब भाजपा को वोट कम मिले थे. इन दोनों चुनावों को देखते हुए यदि यूपी में 2024 के चुनाव के बारे में बात किया जाए तो क्या लगता है कि भाजपा को सीटों का नुकसान नहीं होगा. इसपर वरिष्ठ पत्रकार आशुतोष ने क्या कहा आइये जानते हैं.
वरिष्ठ पत्रकार आशुतोष ने बताया कि उत्तर प्रदेश ओरिजिनली हिंदुत्व की जमीन है. इस बार राम मंदिर का निर्माण हुआ है उत्तर प्रदेश में दो हिंदुत्व के आइकंस है- पहले योगी और दूसरे मोदी. दोनों ही बहुत पावरफुल हैं. यूपी में भाजपा का संगठन मजबूत है.
अखिलेश यादव को लेकर पत्रकार आशुतोष ने कहा कि इस बार आरएलडी और सुभासपा अगर अखिलेश के साथ होती तो वह और बेहतर कर पाते. उन्होंने कहा कि संगठन के नाम पर कांग्रेस पार्टी जीरो है और कांग्रेस का समर्थन लेकर सपा ज्यादा कुछ अच्छा नहीं कर सकते.
2022 का डाटा देखा जाए तो कांग्रेस के पास मात्र दो प्रतिशत वोट थे. उन्होंने बताया कि अखिलेश और मायावती की गठबंधन में मायावती खुद अखिलेश से आगे चल रही थी. यानी कि मायावती के पास 13% वोट शेयर थे और अगर यह 13% घट कर 6% हो जाते हैं तो पूरे पूरे चांस है कि भाजपा 40 की 40 सीट पर हार जाएगी. क्योंकि सारे ही दलित वोट खिसक कर सपा के पास चले जाते हैं. वरिष्ठ पत्रकार आशुतोष ने कहा कि कई ऐसे फैक्टर हैं, जिनको देखते हुए लगता है कि बीजेपी को 40 सीटें वहां नहीं आएंगी. कुल मिला कर नतीजे तो 4 जून को आ ही जाने हैं.