मध्यप्रदेश के मतदाताओं ने ‘नोटा’ पर बटन दबाकर नया रिकॉर्ड बना दिया है। जानकारी के अनुसार अब तक हुई वोटों की गिनती में 90 हजार से अधिक वोट ‘नोटा’ को गए हैं। इंदौर लोकसभा सीट पर बीजेपी के प्रत्याशी शंकर लालवानी भारी बढ़त बनाए हुए हैं। यहां उनका मुख्य मुकाबला कांग्रेस प्रत्याशी से था, लेकिन वह ऐन वक्त पर बीजेपी में शामिल हो गए। इससे बीजेपी प्रत्याशी के लिए जीत की राह बहुत आसान हो गई।
कांग्रेस प्रत्याशी अक्षय कांति ने ऐन वक्त पर थामा था बीजेपी का दामन
बीजेपी ने इंदौर लोकसभा सीट से शंकर लालवानी को फिर से मैदान में उतारा। शंकर लालवानी ने 2019 के चुनाव में भी जीत दर्ज की थी। वहीं, कांग्रेस ने अक्षय कांति बम को टिकट दिया था, लेकिन नाम वापसी लेने के अंतिम दिन अक्षय कांति बम कांग्रेस छोड़ बीजेपी में शामिल हो गए थे। इस तरह बीजेपी के लिए चुनावी जीत आसान हो गई। उधर, बसपा ने यहां से संजय सोलंकी को टिकट दिया लेकिन बीजेपी के गढ़ इन्दौर में वे कोई चुनौती नहीं दे पाए हैं।
शंकर लालवानी 5 लाख मतों से चल रहे आगे
वोटों की गिनती में बीजेपी प्रत्याशी शंकर लालवानी 5 लाख से भी अधिक मतों से आगे चल रहे हैं। कांग्रेस की गैर मौजूदगी में बसपा प्रत्याशी लक्ष्मण सोलंकी काफी पीछे चल रहे हैं।
नोटा बनाएगा नया रिकॉर्ड!
देश में इंदौर नोटा के मामले में बड़ा रिकॉर्ड बनाने की ओर बढ़ रहा है। बीजेपी में अपने प्रत्याशी के शामिल हो जाने पर इस सीट पर नोटा के लिए कांग्रेस ने मुहिम चलाई थी। इसका प्रभाव यह पड़ा कि 90 हजार से भी ज्यादा वोट ‘नोटा’ पर पड़े। रुझानों को देखकर लग रहा है कि ‘नोटा’ का इन्दौर में नया रिकॉर्ड बन सकता है और डेढ़ लाख से भी अधिक वोट ‘नोटा’ के पक्ष में जा सकते हैं।
सबसे पहले कहां हुआ नोटा का उपयोग?
भारत निर्वाचन आयोग ने 11 अक्टूबर 2013 से ईवीएम और मतपत्रों में नोटा का विकल्प उपलब्ध कराना शुरू किया था। नोटा का विकल्प मतपत्रों और ईवीएम के अंतिम पैनल में होता है। 2013 में पहली बार नोटा का इस्तेमाल छत्तीसगढ़, मिजोरम, राजस्थान, मध्य प्रदेश और दिल्ली के विधानसभा चुनावों में किया गया था।