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महापौर का निष्कासन रद्द, विधानसभा चुनाव में टिकट बेचने के लगाए थे आरोप

बिगुल
बिलासपुर. कांग्रेस पार्टी ने बिलासपुर के महापौर रामशरण यादव का निष्कासन रद्द कर दिया है. विधानसभा चुनाव के दौरान मेयर रामशरण का एक ऑडियो वायरल हुआ था, जिसमें वे कांग्रेस पार्टी पर टिकट बेचने के एवज में 4 करोड़ रुपए लेने की बात कहते सुनाई दे रहे थे. इसके बाद उन्हें कांग्रेस पार्टी ने निष्कासित किया था. लेकिन कांग्रेस पार्टी ने रामशरण यादव को यह कहते हुए बहाल किया है कि उन्हें लोकसभा चुनाव के दौरान उनके क्षेत्र की पांच विधानसभा सीटों में कांग्रेस को बढ़त दिलवानी है.\

महापौर रामशरण ने विस्तार न्यूज़ से इस मामले में खुलकर बात की है. महापौर ने बताया कि उन्हें विरोधियों ने फंसाया था. उन्होंने कांग्रेस पार्टी के खिलाफ में कभी भी ऐसा कोई काम नहीं किया है जिसके कारण उन्हें निष्कासित किया जाता. साथ ही उन्होंने कहा आगे भी वह ऐसा कोई काम नहीं करेंगे जिसके कारण उन्हें या उनकी पार्टी को नुकसान हो.

भाजपा के प्रस्ताव पर रामसेतु पुल का नाम बदलने पर ये सफाई

बिलासपुर नगर निगम की एमआईसी बैठक में अंग्रेजों के जमाने के पुल का नाम पुराना पुल से रामसेतु के नाम पर किया गया. महापौर रामशरण यादव पर यह आरोप लगे कि उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के पार्षद विजय ताम्रकार के प्रस्ताव को पास किया है. कुछ कांग्रेसियों ने ही उनके ऊपर यह आरोप लगाए थे. इस पर उन्होंने सफाई देते हुए कहा कि राम तो सबके हैं और वे महापौर भी भाजपा और कांग्रेस दोनों ही पार्टियों के पार्षदों की सहमति पर बने हैं. यही वजह है कि उन्होंने पुराने पुल का नाम रामसेतु पुल के नाम से करने का प्रस्ताव MIC में पास किया है.

बता दें कि मेयर रामशरण यादव और कांग्रेस नेता अरुण तिवारी के बीच एक ऑडियो वायरल हुआ था जिसमें दोनों के बीच कांग्रेस के खिलाफ हुई बातें करते सुनाई दे रहा था. बड़ी बात यह थी कि कांग्रेस पार्टी के अरुण तिवारी ने ही यह ऑडियो प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पब्लिक के बीच लाया और उन्होंने यह दावा किया कि वे इसकी शिकायत बड़ी स्तर पर भी करेंगे. दोनों ही कांग्रेस नेताओं के बीच बातचीत का यह ऑडियो छत्तीसगढ़ में बुरी तरीके से फैल गया और विधानसभा चुनाव में हार का एक कारण भी बना. हालांकि कांग्रेस ने फिर से रामशरण का निष्कासन रद्द कर दिया है.

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