नरेंद्र मोदी तीसरी बार देश के प्रधानमंत्री बनने जा रहे हैं। हालांकि, 2014 और 2019 की तरह इस बार भाजपा को पूर्ण बहुमत नहीं मिली है। सरकार चलाने के लिए भाजपा को टीडीपी और जेडीयू का साथ मिला है।
मोदी सरकार 3.0 के गठन से पहले बड़ा सवाल है कि एनडीए के घटक दलों को साथ लेकर नरेंद्र मोदी के लिए केंद्र सरकार चलाना कितना मुश्किल होगा?
भाजपा के एक नेता ने इस सवाल का जवाब देते हुए कहा कि भले ही प्रधानमंत्री के तौर पर ऐसी पहली बार हो रहा है कि नरेंद्री मोदी को एनडीए में शामिल पार्टियों को साथ लेकर ही सरकार चलानी होगी, लेकिन इससे पहले वो कई बार एनडीए के घटक दलों को एक सूत्र में बांधने में सफल रहे हैं।
पार्टी के नेता ने कहा कि सन् 1990 के दशक को याद करते हुए कहा कि जब वो भाजपा महासचिव के रूप में काम कर रहे थो तो उस दौरान उत्तर भारत के कई राज्यों में एनडीए की सरकार बनाने में अहम भूमिका निभाई थी।
सन् 1997 में पंजाब में भाजपा ने शिरोमणि अकाली दल के साथ मिलकर सरकार बनाई थी। उसी तरह हरियाणा में बंसी लाल और ओम प्रकाश चौटाला के दलों के साथ मिलकर भाजपा ने सरकार चलाई।
वहीं, नरेंद्र मोदी ने जम्मू कश्मीर के नेशनल कॉन्फ्रेंस पार्टी के साथ भी काम किया, जिसकी वजह से एनसीपी ने अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार चलाने में मदद की थी।
अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार के दौरान नरेंद्र मोदी ने पार्टी महासचिव की भूमिका निभाते हुए जॉर्ज फर्नांडिस, नीतीश कुमार, शरद यादव, जयललिता, ममता बनर्जी और बालासाहेब ठाकरे सहित अन्य सहयोगियों को भाजपा के साथ जोड़े रखा। साल 1989 के दौरान गुजरात में जनता दल और भाजपा गठबंधन ने मिलकर चुनाव लड़ा और 26 में से 23 सीटें जीती।भाजपा नेता ने आगे कहा कि आपातकाल के दौरान नरेंद्र मोदी विभिन्न दलों के नेताओं के साथ बैठक और मुलाकात की, जिसकी वजह से उनके संबंध दूसरे दलों के साथ बेहतर हैं, जिसकी मदद भाजपा को मिलती रही है। जम्मू कश्मीर में जब भाजपा-पीडीपी को एक साथ लाने में नरेंद्र मोदी ने अहम भूमिका निभाई थी।
दिलचस्प बात है कि टीडीपी अध्यक्ष चंद्रबाबू नायडू और जेडीयू अध्यक्ष नीतीश कुमार कई बार नरेंद्र मोदी के खिलाफ टिप्पणी कर चुके हैं, लेकिन उन्होंने कभी भी इन बातों का असर पार्टी के कामकाज में नहीं होने दिया।