PSC : हाईकोर्ट ने 18 मेरिट होल्डर्स की नियुक्ति खारिज की, नए सिरे से जांच के आदेश, नियुक्ति आदेश भी रोका
बिगुल
सत्य परेशान हो सकता है पर पराजित नहीं. हाईकोर्ट ने आज पीएससी से चयनित 18 मेरिट होल्डर्स जो कांग्रेस पार्टी के नेताओं के बच्चे हैं और अधिकारियों के बच्चे हैं, उनकी नियुक्ति कोर्ट ने ख़ारिज कर दी है।
साथ ही नए सिरे से जाँच के आदेश दिए हैं।
छत्तीसगढ़ पीएससी में बेटे-बेटियों और रिश्तेदारों को डिप्टी कलेक्टर, डीएसपी बनाने को लेकर लगी याचिका पर बिलासपुर हाई कोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है।
पूर्व मंत्री और बीजेपी विधायक ननकीराम कंवर ने यह याचिका लगाई है। आज हाई कोर्ट खुलते ही चीफ जस्टिस रमेश सिनहा ने इसे पहला केस लिया।
हाई कोर्ट के सूत्रों के अनुसार कोर्ट ने याचिका की सुनवाई करते हुए पीएससी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। हालांकि, कोर्ट ने किसी तरह का फिलहाल स्टे देने की बजाए यथास्थिति रखने कहा है, जैसा कि हाईकोर्ट के गलियारों में चर्चा है। ये भी पता चला है कि आज दोपहर लंच के बाद फिर से इस मामले पर सुनवाई होगी।
ननकीराम कंवर ने अपनी याचिका में राजभवन के सचिव अमृत खलको के बेटा और बेटी के डिप्टी कलेक्टर बनने पर सवाल खड़ा किया है। उन्होंने पीएससी चेयरमैन टामन सिंह सोनवानी के कई रिश्तेदारों के भी सलेक्शन पर प्रश्न खड़ा करते हुए कहा है कि पीएससी में जिम्मेदार पद पर बैठे लोगों ने न सिर्फ रेवड़ियों की तरह नौकरियां नहीं बांटी बल्कि इसकी आड़ में करोड़ों का भ्रष्टचार किया गया है।