मध्यप्रदेश

त्योहारों पर मिठाईयों के दाम नहीं बढ़े , राखी पर 50 करोड़ की मिठाई बिकेगी

बिगुल

इंदौर :- महंगाई बढ़ने के शोर के बीच त्योहारों की मिठास महंगाई से अछूती है। राखी से पहले शहर में मिठाईयों के दाम नहीं बढ़े हैं। हालांकि बेसन, दूध, मावे से लेकर सूखे मेवे तक भले ही बीते वर्ष के मुकाबले महंगे हुए लेकिन मिठाईयों के दाम स्थिर हैं। ऐसे में इस वर्ष राखी पर मिठाईयों की अच्छी बिक्री होने का अनुमान हैं।

भाई का मुंह मीठा करवाने के लिए बहनें मिठाई खरीदेंगी। शहर में राखी के त्योहार के अवसर पर मिठाइयों की खपत लगभग सौ टन की आंकी जा रही है। त्योहारी की बिक्री का जोर राखी के दो दिन पहले से जन्माष्टमी तक रहेगा। कारोबारी कह रहे हैं कि इस बार राखी का उत्साह ज्यादा है और मिठाइयों की बिक्री भी जमकर होगी। हैरानी नहीं होना चाहिए कि रक्षाबंधन पर शाम से पहले ही दुकानों पर मावे और दूध की मिठाइयां खत्म हो जाएं।मिठाइयों की खपत के आंकड़े के लिहाज से औसत दाम 400 से 450 रुपये किलो भी माना जाए तो इंदौर में मिठाई की बिक्री 40 से 45 करोड़ रुपये की होगी।

मावा के दाम इंदौर में राखी के पहले 340 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गए हैं। बीते वर्ष मावा के दाम 360 रुपये किलो थे। ऐसे में मिठाई के दाम स्थिर ही बने हुए हैं। मावे वाली मिठाई 440 से 500 रुपये किलो के दाम पर बिक रही है। बेसन और बंगाली यानी दूध की मिठाई के दाम भी इसी रेंज में हैं, जबकि ड्रायफ्रूट की मिठाई के दाम 700 रुपये से 1500 रुपये प्रति किलो तक हैं।इंदौर मिठाई नमकीन व्यापारी संघ के सचिव अनुराग बोथरा के अनुसार, इंदौर के मिठाई व्यापार की परंपरा है कि त्योहार पर दाम नहीं बढ़ाए जाते। दूध मावा की मिठाइयां कम बनाई जाती है क्योंकि ये जल्द खराब होती है। धूप और गर्मी होने से भी इन्हें कम बनाया जाता है। ऐसे में स्टाक जल्दी खत्म हो सकता है।

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