देश में फिर एक बार मोदी सरकार पर मुहर लग गई है. एनडीए की बैठक में स्पष्ट कर दिया गया कि लगातार तीसरी बार उसकी सरकार बनेगी. माना जा रहा है कि शनिवार यानी 8 जून को पीएम मोदी शपथ लेंगे. प्रधानमंत्री पद के लिए नरेन्द्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में भारत के कई पड़ोसी देश शामिल होंगे. इस मामले की जानकारी रखने वाले सूत्रों ने कहा कि पीएम मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में श्रीलंका और बांग्लादेश सहित कई पड़ोसी देशों के नेता आमंत्रित किए जाएंगे
दरअसल, भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाले एनडीए यानी नेशनल डेमोक्रेटिक अलायंस ने लोकसभा चुनावों में 293 सीटें जीती हैं. भाजपा की हैट्रिक जीत है. इसके बाद मोदी लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री के रूप में कार्यभार संभालेंगे. सूत्रों ने बताया कि नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में आमंत्रित किए जाने वाले विदेशी नेताओं में बांग्लादेश, श्रीलंका, भूटान, नेपाल और मॉरीशस के शीर्ष नेता शामिल हो सकते हैं.
मोदी ने किन-किनसे बात की?
श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे के कार्यालय के मीडिया प्रभाग ने बताया कि मोदी ने उन्हें शपथ ग्रहण समारोह में आमंत्रित किया है. उसने कहा कि विक्रमसिंघे ने निमंत्रण स्वीकार कर लिया और उन्होंने मोदी को चुनावी जीत की फोन के जरिये बधाई दी. मोदी ने बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना से भी फोन पर बातचीत की. राजनयिक सूत्रों ने बताया कि फोन पर बातचीत के दौरान मोदी ने हसीना को अपने शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने का निमंत्रण दिया और उन्होंने इसे स्वीकार कर लिया.
नेपाल-भूटान के नेता होंगे शामिल
सूत्रों ने बताया कि नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’, भूटान के प्रधानमंत्री शेरिंग तोबगे और मॉरीशस के प्रधानमंत्री प्रविंद जगन्नाथ को भी मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में आमंत्रित किया जाएगा. नरेंद्र मोदी ने ‘प्रचंड’ से भी फोन पर बातचीत की. सूत्रों ने बताया कि औपचारिक निमंत्रण बृहस्पतिवार को भेजे जाएंगे.
प्रधानमंत्री के रूप में मोदी के पहले शपथ ग्रहण समारोह में दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन के नेता शामिल हुए थे. नरेंद्र मोदी 2019 में जब लगातार दूसरी बार प्रधानमंत्री बने तब उनके शपथ ग्रहण समारोह में बिम्सटेक देशों के नेता शामिल हुए थे. मोदी के आठ जून को तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने की संभावना है. भाजपा को चुनावों में अपने दम पर बहुमत नहीं मिल सका, लेकिन पार्टी के नेतृत्व वाले गठबंधन ने 543 में से 293 सीटें हासिल कीं. निचले सदन में बहुमत का आंकड़ा 272 है.