मध्यप्रदेश

मध्य प्रदेश में भाजपा के दिग्गजों के सामने कांग्रेस खेलेगी युवा चेहरों पर दांव

बिगुल

भोपाल :- भारतीय जनता पार्टी ने प्रदेश में अपने दिग्गज नेताओं को विधानसभा चुनाव के मैदान में उतार दिया है। कांग्रेस ने अभी कोई भी प्रत्याशी घोषित नहीं किया है। पार्टी भाजपा के दिग्गज नेताओं के सामने युवा चेहरों पर दांव लगा सकती है। कुछ सीटों पर वर्तमान विधायकों को ही प्रत्याशी बनाए जाने के संकेत हैं तो कुछ सीटों पर प्रत्याशी बदले जाएंगे। इसमें जातीय और स्थानीय समीकरणों को देखते हुए परिवर्तन करने की तैयारी है। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष सुरेश पचौरी और अरुण यादव को भी चुनाव लड़ाया जा सकता है। वहीं, पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह एक बार फिर चुनाव मैदान में होंगे। टिकट घोषित करने में पार्टी कोई जल्दबाजी नहीं करेगी।

भाजपा के 79 उम्मीदवार हुए घोषित
अभी तैयारी पांच अक्टूबर के बाद सौ से अधिक प्रत्याशियों की पहली सूची जारी करने की है। नवंबर में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा तीन सूची में 79 प्रत्याशी घोषित कर चुकी है। वहीं, बसपा, सपा और आप ने भी कुछ प्रत्याशियों के नामों की घोषणा कर दी है पर कांग्रेस अभी तैयारी ही कर रही है।

भाजपा ने केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, फग्गन सिंह कुलस्ते, प्रहलाद सिंह पटेल सहित चार अन्य सांसदों को चुनाव मैदान में उतारकर मुकाबले को रोचक बना दिया है। पार्टी महासचिव कैलाश विजयवर्गीय भी आठ वर्ष बाद प्रदेश की राजनीति में वापसी कर रहे हैं। भाजपा के इन सभी कद्दावर नेताओं को उन सीटों से चुनाव लड़ाया जा रहा है, जहां वर्तमान में कांग्रेस के विधायक हैं।

परिवर्तन की संभावना
निश्चित तौर पर इससे कांग्रेस पर दबाव बढ़ा है और बदली हुई परिस्थिति में पार्टी अपनी रणनीति पर फिर विचार भी कर रही है। इन सभी प्रत्याशियों को लेकर फीडबैक भी जुटाया जा रहा है पर एक बात पार्टी पदाधिकारियों ने साफ कर दी है कि युवा चेहरों पर दांव लगाया जाएगा। कुछ वर्तमान विधायकों को ही प्रत्याशी बनाया जाएगा तो कुछ सीटों पर जातीय और स्थानीय समीकरणों को देखते हुए परिवर्तन संभावित है।

कांग्रेस कर रही विचार
इसके लिए लोकसभा प्रभारियों के साथ जिला पदाधिकारियों से भी जानकारी मांगी गई है। दरअसल, पार्टी की रणनीति यह है कि भाजपा के इन दिग्गज नेताओं को इन्हीं क्षेत्र में बांध दिया जाए। इसके लिए प्रत्याशी भी ऐसा देना होगा, जिसकी सामाजिक पकड़ मजबूत हो और पार्टी के सभी धड़े मिलकर उसके लिए काम करें। यही कारण है कि युवा चेहरों को मौका देने पर गंभीरता से विचार हो रहा है।

कांग्रेस भी उतार सकती है वरिष्ठ नेताओं को
पार्टी इस बात पर भी विचार कर रही है कि वरिष्ठ नेताओं को भी चुनाव मैदान में उतारा जाए। पिछले चुनाव में पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के विरुद्ध बुदनी से चुनाव लड़ाया था। पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश पचौरी को भी भोजपुर से चुनाव लड़ाया था लेकिन दोनों ही हार गए थे।

झाबुआ से डा.विक्रांत भूरिया के चुनाव हारने के बाद इस सीट से उपचुनाव पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कांतिलाल भूरिया ने लड़ा था और वे जीतकर विधानसभा पहुंचे थे। पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह भी अपनी परंपरागत चुरहट सीट से चुनाव हार गए थे। सिंह सहित अन्य वरिष्ठ नेताओं को पार्टी चुनाव लड़ाने की तैयारी में है।

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