राजनीति

BJP : टिकट सूची वायरल होने के बाद सिंधी, गुजराती समाज भड़का, मांगी विधानसभा टिकटें, रायगढ़, पंडरिया, रायपुर ग्रामीण में विरोध के स्वर उभरे

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आगामी विधानसभा चुनाव में प्रदेश भाजपा के संभावित प्रत्याशियों की ऊंची जारी होने के बाद खलबली मच गई है चूंकि पार्टी की ओर से कोई खंडन भी जारी नहीं हुआ है इसलिए इसे लेकर गुस्सा और विरोध का माहौल है।

दूसरी ओर इस लिस्ट के आने के बाद कई समाजों ने विरोध जताना शुरू कर दिया है।

सर्व गुजराती समाज ने भारतीय जनता पार्टी को लिखे एक पत्र में इस बात पर आश्चर्य जताया है कि पार्टी ने गुजराती समाज से किसी को भी टिकट नहीं दी है यह गुजराती समाज का अपमान है, जबकि गुजराती समाज हमेशा से भाजपा के साथ जुड़ा रहा है। समाज ने पार्टी को अधिकृत पत्र लिखते हुए गुजराती समाज की ओर से दो लोगों को टिकट देने की मांग की है, इनमें पहला नाम देवजी पटेल का है मनेंद्रगढ़ से दीपक पटेल को, दोनों ही दावेदारों को टिकट नहीं मिल सकी है इसके बाद सर को गुजराती समाज में विरोधस्वरूप पार्टी को पत्र लिखा है, समाज ने कांग्रेस से भी चार सीटों पर गुजराती उम्मीदवार उतारने की मांग की है।

एक अन्य घटनाक्रम में सिंधी समाज ने भी अपना आक्रोश प्रकट करते हुए प्रदेश भाजपा को पत्र लिखकर सिंधी उम्मीदवारों को चुनाव मैदान में उतरने की मांग की है पार्टी को लिखे एक पत्र में छत्तीसगढ़ छत्तीसगढ़ सिंधी पंचायत में 20 टिकट देने की मांग की है समाज ने कहा है कि सिंधी समाज बीजेपी के वफादार बोर्ड बैंक रहा है और पार्टी के साथ हमेशा रहा है लेकिन वायरल भाजपा सूची में एक भी सिंधी समुदाय के लोग को टिकट नहीं दी गई है यह सिंधी समाज का अपमान है कल सिंधी पंचायत की ओर से एक बैठक आहूत की गई है जिसमें कोई बड़ा फैसला दिया जा सकता है चेतावनी स्वरूप लिखे गए पत्र में सिंधी पंचायत में कहा है कि प्रदेश में 10 लाख 20 विधानसभा सीटों को प्रभावित करने की क्षमता सिंधी समाज रखता है

भाजपा के प्रत्याशियों की संभावित वायरल सूची आने के बाद पार्टी को कई जगहों पर सांप सूंघ गया ह। कार्यकर्ता शांत बैठ गए हैं जिन इलाकों में कार्यकरता नाराज है उनमें सबसे ज्यादा पंडरिया सीट मानी जा रही है। यहां से 5 साल तक भावना बोरा ने मेहनत की थी लेकिन पार्टी ने जाति समीकरण को ध्यान में रखते हुए विशेसर पटेल को उम्मीदवार बनाया है जबकि इस समाज के लोग चुनाव में कई बार हार चुके हैं। पिछली बार कांग्रेस की विधायक बनाई थी। पंडरिया से भाजपा नेत्री भावना बोरा के पक्ष में भाजपा कार्यकर्ता मांग कर रहे हैं। चेतावनी दी गई है की पटेल उम्मीदवार होंगे तो समर्थन नही मिलेगा।

आगामी विधानसभा चुनाव में प्रदेश भाजपा के संभावित प्रत्याशियों की ऊंची जारी होने के बाद खलबली मच गई है चूंकि पार्टी की ओर से कोई खंडन भी जारी नहीं हुआ है इसलिए इसे लेकर गुस्सा और विरोध का माहौल है।

दूसरी ओर इस लिस्ट के आने के बाद कई समाजों ने विरोध जताना शुरू कर दिया है।

सर्व गुजराती समाज ने भारतीय जनता पार्टी को लिखे एक पत्र में इस बात पर आश्चर्य जताया है कि पार्टी ने गुजराती समाज से किसी को भी टिकट नहीं दी है यह गुजराती समाज का अपमान है, जबकि गुजराती समाज हमेशा से भाजपा के साथ जुड़ा रहा है। समाज ने पार्टी को अधिकृत पत्र लिखते हुए गुजराती समाज की ओर से दो लोगों को टिकट देने की मांग की है, इनमें पहला नाम देवजी पटेल का है मनेंद्रगढ़ से दीपक पटेल को, दोनों ही दावेदारों को टिकट नहीं मिल सकी है इसके बाद सर को गुजराती समाज में विरोधस्वरूप पार्टी को पत्र लिखा है, समाज ने कांग्रेस से भी चार सीटों पर गुजराती उम्मीदवार उतारने की मांग की है।

एक अन्य घटनाक्रम में सिंधी समाज ने भी अपना आक्रोश प्रकट करते हुए प्रदेश भाजपा को पत्र लिखकर सिंधी उम्मीदवारों को चुनाव मैदान में उतरने की मांग की है पार्टी को लिखे एक पत्र में टिकट देने की मांग पार्टी के कार्यकर्ता कर रहे हैं अन्यथा पिछली बार की तरह भाजपा पंडरिया विधानसभा सीट भी हर सकती है।

इसी तरह रायगढ़ विधानसभा सीट पर भी जमकर बवाल मएक्सजेएम की खबर है रायगढ़ सीट से ऑफिस चौधरी को प्रत्याशी बनाया गया है जिनका विरोध हो रहा है। यहां पर विजय अग्रवाल, मैडम गुप्ता, रामदास अग्रवाल आदि में से किसी एक को प्रत्याशी बनाने की मांग की जा रही है. कहां जा रहा है कि अगर ओ पी चौधरी को टिकट मिला तो कांग्रेस को वाक ओवर मिल सकता है। ऐसे में पिछली बार रायगढ़ विधानसभा चुनाव पर विजय अग्रवाल ने निर्दलीय चुनाव लड़ते हुए भाजपा के प्रत्याशी को तीसरे नंबर पर धकेल दिया था इसलिए इस बार पार्टी गंभीरतपूर्वक विचार कर रही है।

हम साफ कर दें की यह सारी खबर वायरल सूची के बाद हुए घटनाक्रम पर केंद्रित है। रायपुर ग्रामीण सीट पर भी मोतीलाल साहू को कमजोर प्रत्याशी माना जा रहा है।

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