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चुनाव के बीच चर्चा में आया एक और जिहाद,लव जिहाद के बाद अब वोट जिहाद की हुई सुरुआत,जाने ..

Another Jihad came into discussion during the elections, after Love Jihad, now Vote Jihad has started, know..

देश में चुनावी माहौल अपने चरम पर है। दो चरणों के चुनाव हो चुके हैं और तीसरे फेज के लिए प्रचार जोरों शोरों से चल रहा है। सत्ता पक्ष और विपक्ष एक दूसरे पर खूब शब्दों के बाण छोड़ रहे हैं। चुनावी समर के बीच एक शब्द ने फिर सुर्खियां बंटोरनी शुरू कर दी हैं। नाम है जिहाद। यह ऐसा शब्द है जिसे किसी दूसरे शब्द के पीछे लगाकर उसकी परिभाषा गढ़ी जाती है।

आपने अब तक लव जिहाद और लैंड जिहाद तो सुना होगा, लेकिन इस बार एक और शब्द की उत्पत्ति हुई है, नाम है ‘वोट जिहाद’। हर बार इस तरह की शब्दावली के लिए भारतीय जनता पार्टी पर आरोप लगाए जाते थे, लेकिन इस बार यह शब्द कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद की भतीजी की ओर से उछाला गया है। भतीजी समाजवादी पार्टी में हैं और एक खास समुदाय के लोगों से वोट जिहाद करने की अपील कर रही हैं। उनके इस वीडियो के बाद देश की राजनीति एक बार फिर गरमा गई है। बीजेपी लगातार हमलावर है, विपक्ष ने एक बार फिर सत्तासीन पार्टी को एक मौका दे दिया है। क्या है ये वोट जिहाद वाली अपील और इसका मतलब, सब तफ्शील से समझाते हैं।

वोट जिहाद वाला बयान क्या है जिसपर छिड़ा विवाद

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद की भतीजी मारिया आलम खान ने वोट जिहाद की अपील कर राजनीति में नया बखेड़ा खड़ा कर दिया है। मारिया आलम फर्रुखाबाद लोकसभा सीट के लिए चुनाव प्रचार करने पहुंची थीं। उन्होंने जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि संघी सरकार को हटाने के लिए बहुत अक्लमंदी के साथ एकजुट होकर, बहुत खामोशी से वोटों का जिहाद करो, क्योंकि हम सिर्फ वोटों का जिहाद कर सकते हैं। आरोप है कि मारिया ने यह बयान मुसलमानों को लामबंद करने के लिए कहा था। इससे वोटों का ध्रुवीकरण हो रहा है। इस बयान पर समाजवादी पार्टी बचाव कर रही है तो वहीं बीजेपी इसपर हमलावर है।

अखिलेश यादव ने किनारा किया तो बीजेपी करने लगी अटैक

समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव से भी मारिया आलम के बयान पर प्रतिक्रिया मांगी गई लेकिन उन्होंने इससे किनारा कर लिया। उन्होंने बयान का बचाव करते हुए कहा कि कभी-कभी चुनाव में मतदाताओं को वोट देने के वास्ते उत्साहित करने के लिए भारी शब्दों का इस्तेमाल किया जाता है। अखिलेश ने आगे कहा कि मुझे लगता है कि मारिया आलम के बयान का मतलब वह नहीं था, जिसके लिए कार्रवाई शुरू की गई। इरादा यह था कि अधिक से अधिक संख्या में वोट पड़ें और सभी लोग मतदान करें।

बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव विनोद तावड़े ने कहा कि झूठ फैलाने वाले विपक्षी दलों ने अब ‘वोट जिहाद’ अभियान शुरू कर दिया है। इससे पता चलता है कि वे हताश और निराश हैं। तावड़े ने कहा कि एक तरफ वे ओबीसी का आरक्षण मुसलमानों को दे रहे हैं, दूसरी तरफ वे चुनाव के दौरान ‘वोट जिहाद’ की बात कर रहे हैं। तावड़े ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और पार्टी नेता राहुल गांधी से पूछा कि क्या यह अभियान पार्टी आलाकमान के निर्देश पर शुरू किया गया है?

बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता गौरव भाटिया ने कहा कि पिछले 24 घंटे में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और सलमान खुर्शीद की भतीजी और समाजवादी पार्टी नेता मारिया आलम खान के दो ऐसे सांप्रदायिक बयान आए हैं, जो हमारे देश के कानून के साथ ही मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट का भी उल्लंघन है। इंडी गठबंधन के नेताओं के बयान से साफ हो गया है कि घमंडिया गठबंधन लोकतंत्र के महापर्व के दौरान नफरत और जहर की खेती कर रहा है। ये हिंदुओं के खिलाफ वोट के जिहाद की बात कर रहे हैं। भाटिया ने कहा कि एक तरफ ये कहते हैं कि मुसलमानों एकजुट होकर वोट जिहाद कर दो और दूसरी तरफ कांग्रेस के रिमोट कंट्रोल अध्यक्ष खरगे हिंदुओं को बांटने और भगवान शिव को भगवान राम से लड़ाने की बात कर रहे हैं। SP मुखिया अखिलेश यादव भी वोट जिहाद के बयान की आलोचना नहीं कर रहे हैं। इससे स्पष्ट हो गया है कि उनके पीडीए का मतलब ‘प्रहार धर्म और आस्था पर’ है। बीजेपी प्रवक्ता ने इसे विचारधारा की लड़ाई बताते हुए कहा कि विपक्षी गठबंधन की सोच ही संविधान विरोधी और तालिबानी है।

क्या होता है वोट जिहाद सब समझिए
वोट जिहाद को समझने से पहले आपको जिहाद शब्द को समझना होगा। जिहाद का शाब्दिक अर्थ होता है किसी काम को पूरा करने के लिए पूरा जोर लगाना। राजनीति में इसका उपयोग वोटों के ध्रुवीकरण के लिए होता है। मारिया आलम खान के वोट जिहाद का मतलब है कि एक खास समुदाय के लोग जोर लगाकर ऐसी वोटिंग करें जिससे सत्ता में बैठी मोदी सरकार हार जाए। इस शब्द का यह मतलब भी है कि मुसलमान बीजेपी उम्मीदवारों और उनकी जनसभाओं का बहिष्कार करें। उनके इस बयान पर केस भी दर्ज हो गया है।

लव जिहाद और लैंड जिहाद भी समझ लीजिए

क्या है लव जिहाद

लव जिहाद एक विवादास्पद शब्द है जिसका इस्तेमाल कुछ लोगों की ओर से यह आरोप लगाने के लिए किया जाता है कि मुस्लिम पुरुष हिंदू महिलाओं को प्यार में फंसाकर उनका धर्म परिवर्तन कराते हैं। यह आरोप अक्सर इसलामोफोबिया से प्रेरित होता है और इसका समर्थन करने के लिए कोई ठोस सबूत नहीं है। भारत में लव जिहाद को कानूनी रूप से मान्यता प्राप्त नहीं है और कई अदालतों ने इसे एक अप्रमाणित साजिश सिद्धांत करार दिया है। बीजेपी शासित राज्यों में तो इसके खिलाफ कानून भी लाए गए हैं।

क्या है लैंड जिहाद

यह साल 2017 में उछाला गया था। इसका मतलब था कि एक खास समुदाय के लोग हिंदू बहुल क्षेत्रों में बसने और वहां मस्जिद या मदरसे का निर्माण कराते हैं। उत्तराखंड

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