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बडी खबर : विधायक देवेंद्र यादव की गिरफतारी कभी भी, अग्रिम जमानत याचिका हाईकोर्ट ने की खारिज, मुश्किलें बढ़ीं

रायपुर. छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित कोल लेवी घोटाला मामले में भिलाई विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस विधायक देवेंद्र यादव की अग्रिम जमानत याचिका छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने खारिज कर दी है। अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई के बाद हाई कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था।

मंगलवार को जस्टिस एनके व्यास के कोर्ट ने फैसला सुनाया है। हाई कोर्ट से अग्रिम जमानत याचिका खारिज होने के बाद इस बात की अटकलें भी लगाई जा रही है कि विधायक यादव की कभी भी गिरफ्तारी हो सकती है। पूछताछ के नाम पर ईडी हिरासत में ले सकती है।

जानकारी के अनुसार रायपुर स्पेशल कोर्ट ने नोटिस जारी कर विधायक यादव को 27 मार्च को तलब किया है। रायपुर के विशेष कोर्ट से अग्रिम जमानत याचिका खारिज होने के बाद विधायक यादव ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में याचिका दायर कर अग्रिम जमानत की मांग की थी। रायपुर के विशेष कोर्ट ने सुनवाई के बाद माना था कि घोटाले से इकट्ठा किए गए पैसे का इस्तेमाल उन्होंने विधानसभा चुनाव में किया है। विशेष अदालत ने इसे लेकर गंभीर टिप्पणी की थी। हाई कोर्ट में जब अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई प्रारंभ हुई तब याचिकाकर्ता व विधायक देवेंद्र यादव के वकील ने पैरवी करते हुए कहा था कि धन शोधन निवारण अधिनियम के तहत याचिकाकर्ता विधायक के खिलाफ कोई साक्ष्य नहीं है।

लिहाजा, उन्हें अपराधी नहीं बनाया जा सकता। उन्होंने कोर्ट से कहा कि किसी केस में केवल जानने से कोई मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम के तहत आरोपी नहीं बनाया जा सकता। इस केस में याचिकाकर्ता विधायक को सिर्फ इसलिए आरोपी बनाया गया है, क्योंकि वे सूर्यकांत तिवारी को जानते हैं। सुनवाई के दौरान ईडी के वकील ने अग्रिम जमानत देने का विरोध किया था ईडी के अधिवक्ता ने जांच के दौरान मिले साक्ष्य के संंबंध में कोर्ट को जानकारी दी थी। सभी पक्षों को सुनने के बाद हाईकोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था।

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