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पुलिस कांस्टेबल की अनिवार्य सेवानिवृत्ति को खारिज, बिलापुर हाईकोर्ट ने बताई ये वजह

बिगुल
बिलासपुर हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस रवींद्र कुमार अग्रवाल की खंडपीठ ने एक पुलिस कांस्टेबल की अनिवार्य सेवानिवृत्ति को खारिज कर दिया, क्योंकि सजा अनुपातहीन थी।

न्यायालय ने कहा कि अनुशासनात्मक अधिकारियों को कांस्टेबलों पर बड़ा दंड लगाने से पहले पुलिस विनियमन नियम के विनियमन 226 के तहत दिए गए कम दंड पर विचार करना चाहिए। न्यायालय ने कहा कि बर्खास्तगी अंतिम उपाय होना चाहिए और तब तक नहीं की जानी चाहिए, जब तक कि अन्य सभी उपाय विफल न हो जाएं।

रामसागर सिन्हा बिलासपुर के सकरी में कांस्टेबल थे। 31.08.2017 को अनुशासनात्मक अधिकारी ने उनके खिलाफ आरोप पत्र जारी किया, जिसमें आरोप लगाया गया कि उन्होंने महत्वपूर्ण शिविर सुरक्षा ड्यूटी करने से इनकार कर दिया और वरिष्ठ अधिकारियों के आदेशों की अवहेलना की। अधिकारियों ने दावा किया कि उनके कार्यों ने पुलिस विनियमन संख्या 64 के उप-नियम (2) (4) (5) और छत्तीसगढ़ सशस्त्र बल अधिनियम, 1968 की धारा 16 और 17 का उल्लंघन किया है।

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