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अप्रैल में ही सूख गई छत्तीसगढ़ की नदी, 25 हजार आबादी की बढ़ी परेशानी

बिगुल
बलरामपुर. छत्तीसगढ़ के रामानुजगंज इलाके के 25 हजार आबादी के लिए जलापूर्ति के लिए कनहर नदी से की जाती है, लेकिन नदी सूख जाने की वजह से नगर पंचायत के द्वारा नदी में पोकलेन की मदद से बड़ा गड्ढा बनाकर पानी की पूर्ति की जा रही है. लेकिन सवाल यह है कि शुरुआती गर्मी में ही जब नदी पूरी तरह सूख चुकी है तो आने वाले दिनों में पड़ने वाली गर्मी में कैसे लोगों को पर्याप्त पानी मिल पाएगा

रामानुजगंज शहर को पर्याप्त पेयजल मिल सके इसके लिए जल संसाधन विभाग के द्वारा नदी पर करोड़ों रुपए की लागत से एनिकट बनाया गया था. लेकिन वह भी भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया.
एनिकट से शहर वासियों को पानी मिलना तो दूर या लोगों के लिए मुसीबत बन गई है. इसमें दर्जनों लोग हादसे का शिकार हो चुके हैं और उनकी मौत हो चुकी है. इसको लेकर रामानुजगंज वासियों में काफी आक्रोश है. उनका कहना है कि पुराने एनीकट तोड़ कर नया एनीकट बनाया जाए तभी जाकर शहर में पर्याप्त पानी मिल पाएगा.

जिला प्रशासन कर रही पहल

नदी सूख जाने की वजह से शहर वासियों की तो चिंता बड़ी ही है लेकिन इस नदी पर आश्रित पशु पक्षी भी के सामने एक बड़ी समस्या खड़ी हो चुकी है. वहीं जिला प्रशासन नगर पंचायत के द्वारा शहर वासियों को पर्याप्त पानी मिल सके इसके लिए भी पहल की जा रही है. लेकिन देखना यही है कि क्या इस भीषण गर्मी में शहर वासियों को पर्याप्त पानी मिल पाता है या उन्हें पानी के लिए मुसीबत का सामना करना पड़ेगा.

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