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जमीन के चक्कर में भिड़े दो सरकारी महकमे,नहीं बन पा रहा बच्चों के लिए पार्क

बिगुल
दमोह के तेंदूखेड़ा ब्लॉक में वन और राजस्व विभाग आमने सामने आ गए हैं। इसकी वजह एक जमीन है। इन विभागों को ये पता नहीं है कि जमीन किसके दायरे में है। इसकी वजह से जमीन और उसके आस-पास विकास के काम नहीं हो पा रहे हैं। विभाग अभी तक यह तय नहीं कर पाया है कि भूमि किसकी है? उसका दायरा क्या है ?

दरअसल तेंदूखेड़ा नगर परिषद ने पार्क निर्माण के लिए भूमि पूजन किया। इसके लिए टेंडर जारी हो गया। पार्क निर्माण के लिए सीएम राइजिंग स्कूल के बाजू में नगर परिषद ने जगह चिन्हित की। नगर परिषद अध्यक्ष सुरेश जैन ने जनप्रतिनिधियों के साथ निर्माण कार्य का भूमिपूजन किया लेकिन जैसे ही पार्क का निर्माण कार्य शुरू हुआ, वन विभाग ने इस पर रोक लगा दी। वन विभाग का कहना है कि जिस भूमि पर पार्क निर्माण हो रहा है, वह जगह उनकी है।

जमीन पर नगर परिषद का कब्जा
नगर परिषद के सतेन्द्र जैन ने बताया कि तेंदूखेड़ा नगर में पार्क नहीं था। इस वजह से पार्क बनाने के लिए काम शुरू किया गया। वन विभाग जमीन को अपना बता रहा है। हालांकि जमीन राजस्व विभाग की है। पिछले कई सालों से जमीन पर कचरा डाला जा रहा था। इस जमीन से कुछ ही दूरी पर कचरा को खाद बनाने वाली दो मशीनों को नगर परिषद द्वारा लगवाया गया है। जब मशीने लग रहीं थीं तो वन विभाग को आपत्ति नहीं हुई, लेकिन अब पार्क का काम शुरू हुआ तो वन विभाग ने उस पर आपत्ति दर्ज करा दी है। जमीन पर जो फेंसिंग लगी है। वह नगर परिषद की है। जमीन पर कई सालों से नगर परिषद का कब्जा है।

क्या बोले सीएमओ ?
इस मामले में नगर परिषद के सीएमओ प्रेम सिंह चौहान ने बताया कि नगर परिषद द्वारा 16 लाख की लागत से पार्क का निर्माण कराया जा रहा था। वन विभाग ने आपत्ति क्यों लगाई इसका कारण स्पष्ट नहीं क्या है।

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