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उज्जवन स्मॉल फाइनेंस बैंक ने की धोखाधड़ी, फर्जी दस्तावेजों के आधार पर दिया लोन, खाताधारक महिला को पता ही नही, जानिए पूरा मामला

राजधानी के तात्यापारा स्थित एक फाइनेंस कंपनी के बैंक उज्जवन स्मॉल फाइनेंस बैंक में फर्जी दस्तावेजों के आधार पर लोन दिए जाने का खेल सामने आया है.

सूत्रों के मुताबिक गुढ़ियारी की रहने वाली नंदनी प्रधान ने जीवन में कभी बैंक का मुंह नहीं देखा और उन्होंने कभी अपना जनधन खाता तक किसी भी बैंक में नहीं खुलवाया है. लेकिन पिछले दिनों उन्हें लगातार 3-4 बार बैंक से नोटिस आई और घर में रिकवरी वाले एजेंट आएं जिन्होंने उनके साथ बत्तमीजी की और जल्द से जल्द लोन पटाने कहा.

परिवार बार-बार हो रही इन हरकतों से परेशान हो गया था. इसके बाद उन्होंने मीडिया से सेंपर्क साधा इसके बाद लल्लूराम डॉट कॉम ने बैंक कर्मचारियों से ये पूछा कि क्या उनके पास कोई दस्तावेज है जिससे ये पता चल सके कि ये लोन नंदनी प्रधान ने ही लिया है ? तो बैंक कर्मचारियों ने कुछ दस्तावेज दिखाए, जिसके आधार पर लोन लिए जाने की जानकारी सामने आई, इस आवेदन में आधार कार्ड तो नंदनी का लगा हुआ था, लेकिन लोन के डाक्यूमेंट में तस्वीर उसकी बहन की थी.

इससे भी ज्यादा हैरानी की बात ये है कि 26 सितंबर 2019 को उनके अकाउंट में 30 हजार 713 रूपए बतौर लोन के रूप में ट्रांसफर होते है और उसी दिन 3 ट्रांजेक्शन कर 25 हजार और अगले दिन 5700 रूपए एटीएम से निकाल लिए.

जबकि अकाउंट होल्डर के घर कभी कोई एटीएम नहीं आया और न उसका पीन. जब पीड़िता ने बैंक को बताया कि उन्होंने कभी कोई लोन ही नहीं लिया और न उनका बैंक अकाउंट है, और फिर लल्लूराम डॉट कॉम के पत्रकार ने जब बैंक से कुछ जानकारी मांगी तो बैंक की पूरी पोल खुल गई.
रितू धनसेना नाम की स्टॉफ ने पूरी की लोन की प्रक्रिया

Ujjivan Small Finance Bank के जिम्मेदारों से ये जानकारी मांगी कि ये लोन की प्रक्रिया पूरी किसने कराई है, जो उन्होंने जांच कर बताया कि नंदनी के लोन की प्रक्रिया रितू धनसेना नाम की एक स्टॉफ ने पूरी की है और अब वे बैंक छोड़ चुकी है.

 बैंक के जिम्मेदारों ने ये स्वीकारा कि रितू ने ऐसा फ्रॉड बैंक में कई लोगों से किया है और उन्होंने पुलिस में भी इसकी शिकायत की है, लेकिन उसके खिलाफ एफआईआर हुई है या नहीं इसकी जानकारी उन्होंने नहीं दी. बैंक के जिम्मेदारों ने ये भी बताया कि जब ये फ्रॉड हो रहा था तब कई लोगों के एटीएम और पिन बैंक से उक्त स्टॉफ को सीधे मिलते थे, जिसके बाद फर्जीवाड़ा खुला और अब इस प्रक्रिया को बंद कर दिया गया है.
आजाद चौक थाने में प्रार्थिया ने दी शिकायत

इसके बाद प्रार्थिया नंदनी प्रधान ने आजाद चौक थाने में इस पूरे मामले की शिकायत दर्ज कराई और पुलिस से उसके फर्जी दस्तावेजों के आधार पर खोले गए अकाउंट और बैंक लोन पर एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई की मांग की.

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