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हॉस्पिटल में हंगामा, मृतक के बेटे का आरोप, अस्पताल की तानाशाही के चलते मैं पिता को दूसरे अस्पताल नही ले जा सका

बिगुल

दुर्ग. जिले के एक निजी अस्पताल में एक शख्स अपने पिता का इलाज कराने पहुंचा था. हालांकि हालात में सुधार न होने पर वो अपने पिता को दूसरे अस्पताल ले जाने की तैयारी कर रहा था. इस बीच निजी अस्पताल से डिस्चार्ज कराने के दौरान शख्स की अस्पताल स्टाफ से झड़प हो गई. 12 बजे शख्स अपने पिता को नागपुर ले जाने वाला था.

युवक का आरोप है कि निजी अस्पताल की तरफ से लेट लतीफी होती रही. जिसके कारण वह हंगामा करने पर मजबूर हो गया. शख्स ने अस्पताल पर लापरवाही का आरोप लगाया है. दरअसल, ये पूरा मामला दुर्ग जिला के जवाहर नगर स्थित निजी अस्पताल का है. यहां राजनांदगांव निवासी राकेश यादव के पिता गणेश यादव की किडनी की बीमारी का इलाज 10 दिन से चल रहा था. जांच के बाद राकेश के पिता गणेश यादव को निजी अस्पताल में भर्ती किया गया. स्थिति में सुधार न होने पर डॉक्टर ने प्लेटलेट कम होने की बात कही. इसके बाद मरीज को प्लेटलेट चढ़ाया गया. हालांकि मरीज की हालात में कोई सुधार न होने पर डॉक्टर ने मरीज के बेटे से कहा कि आपके पिता की अंतिम स्थिति है. घरवालों को बुला लिजिए.

इस पर मरीज के बेटे ने पिता को इलाज के लिए नागपुर ले जाने की बात कही. जिसकी तैयारी पीड़ित ने एक दिन पहले रात से कर रखी थी. हालांकि निजी अस्पताल के डॉक्टरों ने उन्हें कल 12 बजे डिस्चार्ज करने की बात कही थी और दोपहर के 3 बजे तक डिस्चार्ज नहीं किया. जिस पर मरीज का बेटा गुस्सा हो गया और अस्पताल में तोड़ फोड़ और हंगामा करने लगा. वहीं, अस्पताल प्रबंधन इस बारे में मीडिया के सवालों से भागते नजर आए. फिलहाल इसकी शिकायत मोहन नगर थाने में की गई है. पुलिस मामले की जांच में जुटी हुई है.

अभिषेक झा, एएसपी, दुर्ग शहर कहते हैं कि इस मामले में अस्पताल प्रबंधन की ओर से मोहन नगर थाने में एक शिकायत आई है. शिकायत की जांच की जा रही है. जो भी दोषी होगा, उसके खिलाफ वैधानिक कार्रवाई की जाएगी.-

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