कनाडा में खालिस्तानी समर्थक की हत्या की जिम्मेदारी बिश्नोई गैंग ने ली या फिर….
बिगुल
कनाडा :- खालिस्तानी समर्थक और गैंगस्टर सुखदूल सिंह गिल उर्फ सुक्खा दुनेके की हत्या कर दी गई. हत्या के कुछ घंटे बाद ही लॉरेंस बिश्नोई गैंग ने फेसबुक पर पोस्ट करके हत्या की जिम्मेदारी ली. इस पर अब साबरमती जेल अधिकारियों का बयान सामने आया है. अधिकारियों ने हत्या का दावा करने वाली फेसबुक पोस्ट में बिश्नोई की भूमिका से इनकार किया है. लॉरेंस बिश्नोई अगस्त से जेल में बंद हैबंबीहा गिरोह के सहयोगी दुनेके की कनाडा में कुछ अज्ञात हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी गई है.
जेल अधिकारी ने किया ये दावाफेसबुक पर ‘लॉरेंस बिश्नोई गैंग’ नाम के पेज से डाले गए पोस्ट परबात करते हुए, साबरमती सेंट्रल जेल की सुपरिटेंडेंट श्वेता श्रीमाली ने ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ को बताया, “ऐसा नहीं है कि लॉरेंस ने इसे जेल से पोस्ट किया है. हालांकि, यह संभव है कि उनके नाम से कई फर्जी सोशल मीडिया अकाउंट चल रहे हों जिन्होंने यह पोस्ट किया हो”. श्वेता ने दावा किया कि यह पोस्ट न तो बिश्नोई ने किया था और न ही उन्होंने इस तरह की पोस्ट करने की सहमति दी थी क्यों कि जेल में उनसे मिलने कोई भी नहीं आया था.
सुपरिटेंडेंट ने कहा कि पोस्ट करने वाला कोई भी हो सकता है जिसने इसे उसकी मंजूरी या सहमति के बिना किया हो.पहले भी एटीएस ने लिया था हिरासत मेंलॉरेंस बिश्नोई को पहली बार सितंबर 2022 में गुजरात आतंकवाद विरोधी दस्ते (एटीएस) ने हिरासत में लिया था. लॉरेंस के पास से तकरीबन 194 करोड़ रुपये और 38 किलोग्राम हेरोइन जब्ती की कई थी.
हेरोइन जब्ती मामले में उसके खिलाफ यूएपीए के आरोप जोड़े जाने के बाद, एटीएस ने अगस्त में उसे दूसरी बार हिरासत में लिया था. चार दिन की एटीएस हिरासत में भेजने के बाद बिश्नोई को न्यायिक हिरासत में साबरमती सेंट्रल जेल ले भेजा गया था. जिसके बाद जांच पूरी होने पर मामला एनआईए को ट्रांसफर कर दिया गया. बिश्नोई 14 से 18 सितंबर तक पांच दिनों के लिए एनआईए की हिरासत में थे. बाद में वह 18 सितंबर को न्यायिक हिरासत में साबरमती जेल वापस आ गए थे.