मध्यप्रदेश

जिला अस्पताल में आयुष्मान कार्ड वाले मरीज तलाश रहे निजी अस्पतालों के एजेंट

बिगुल

देवास :- देवास जिले सहित आसपास के करीब चार जिलों के कई मरीजों के निश्शुल्क उपचार की व्यवस्था संभालने वाले जिला अस्पताल में इन दिनों देवास व आसपास के करीब आधा दर्जन निजी अस्पतालों के एजेंटों की सक्रियता बनी हुई है।ये एजेंट देवास जिला अस्पताल परिसर से लेकर इमरजेंसी वार्ड तक, ओपीडी से लेकर मरीजों के भर्ती वार्ड तक पहुंच रहे हैं।

इनकी नजर रहती है ऐसे आयुष्मानकार्डधारी मरीजों पर जो जिला अस्पताल में आने के बाद या तो यहीं उपचार करवा रहे होते हैं या फिर इंदौर के लिए रैफर किए जाते हैं या फिर जो स्वेच्छा से निजी अस्पताल जाने की तैयारी कर रहे होते हैं।

इन मरीजों को अपने अस्पताल में बेहतर सुविधाएं देने की बात करके एजेंट उनको अपने यहां ले जाने के लिए तैयार करते हैं। ऐसा नहीं है कि निजी अस्पतालों के ये एजेंट जिला अस्पताल प्रबंधन की नजरों से बचे हुए हैं, इनको कई बार पकड़ा भी गया है लेकिन प्रबंधन किसी तरह ही कार्रवाई करने के मूड में नजर नहीं आ रहा है। निजी अस्पतालों के एजेंटों को पड़कने के बाद हर बार समझाइश देकर छोड़ा जा रहा है, इसके बाद कुछ दिन तक ये जिला अस्पताल नहीं आते और बाद में फिर से सक्रिय हो जाते हैं.

यदि एजेंट के पकड़ में आने के बाद ज्यादा हो-हल्ला हो गया तो उसकी जगह संबंधित निजी अस्पताल दूसरे कर्मचारी को भेजने लगते हैं। जिला अस्पताल परिसर व अंदर ऐसे भी कई लोग सक्रिय हैं जो मरीज के स्वजनों से बातचीत कर उनको भरोसे में लेकर निजी अस्पताल के एजेंट से मुलाकात करवाते हैं। मरीज के निजी अस्पताल में भर्ती होने की स्थिति में एजेंट द्वारा इनको कमीशन दिया जाता है।

अर्जुननगर निवासी गायत्री शर्मा ने बताया पिछले दिनों सड़क हादसे में घायल होने के बाद उनके एक रिश्तेदार को जिला अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। पैर में गंभीर फ्रेक्चर होने का पता चलने के बाद रैफर करने की स्थिति बन गई थी, इसी दौरान देवास के एक निजी अस्पताल का कर्मचारी जिला अस्पताल में आया और हमसे मरीज का आयुष्मान कार्ड होने के बारे में पूछा, हमने कहा कार्ड है तो उसने अपने यहां बेहतर उपचार की बात कही, बाद में हम अपने मरीज को वहां ले गए जहां आपरेशन हुआ।

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