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कॉलेज में लड़के-लड़की एक साथ नहीं बैठ पाएंगे, चर्चा में आया नोटिस

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सिवान :- जकिया अफाक इस्लामिया पीजी कॉलेज में तुगलकी फरमान से छात्र-छात्राओं के बीच हड़कंप मचा हुआ है. प्रिंसिपल ने नोटिस में कहा है कि कॉलेज में लड़के-लड़की एक साथ बैठे या हंसी-मजाक करते दिखे तो उनका नामांकन रद्द कर दिया जाएगा. अब नोटिस सामने आने के बाद इसकी चर्चा हो रही है.

अहमद गनी नगर स्थित जेडए इस्लामिया पीजी कॉलेज के प्रिंसिपल इदरीश आलम ने नोटिस में लिखा है, ”सूचित किया जाता है कि अगर छात्र तथा छात्राओं को साथ में (एक साथ बैठे या हंसी मजाक करते) महाविद्यालय परिसर में देखा जाएगा तो उसका नामांकन रद्द कर दिया जाएगा. ज्ञात हो कि धारा 29 व 30 के अंतर्गत सथापित यह एक अल्पसंख्यक महाविद्यालय है. इसके सारे प्रबंधन का अधिकारी शासी निकाय में निहित है.”

दरअसल, कॉलेज में दो छात्राओं के बीच बॉयफ्रेंड को लेकर मारपीट हुई थी. सड़क पर हुई मारपीट का वीडियो सोशल मीडिया पर भी वायरल हुआ था. माना जा रहा है कि इसी घटना के बाद प्रिंसिपल ने यह फरमान जारी किया है. तुगलकी फरमान जारी करने वाले जेड इस्लामिया पीजी कॉलेज के प्रिंसिपल ने अब सफाई दी है. उन्होंने कहा कि कुछ बेड एलिमेंट्स (बुरे तत्व) कॉलेज परिसर में चले आते हैं. इनमें कुछ लड़कियों का भी गलती है, जो उनका सहयोग करते हुए बातचीत और हंसी मजाक करती हैं. उनको रोकने के लिए ही इस तरह का पत्र जारी किया गया है.

लेकिन पत्र में धाराओं का जिक्र गलती से हो गया. प्रिंसिपल ने कहा, सिर्फ छात्र-छात्राओं को डराने के लिए पत्र जारी किया गया है. बहरहाल, सवाल यह खड़ा हो रहा है कि क्या अल्पसंख्यक के नाम पर इस तरह का पत्र जारी कर और पत्र में अल्पसंख्यक शब्द का इस्तेमाल कर इस्लामिया पीजी कॉलेज क्या जताना चाहता है? बता दें कि भारतीय संविधान का अनुच्छेद 29 अल्पसंख्यकों के हितों की सुरक्षा प्रदान करता है. जबकि अनुच्छेद 30 अल्पसंख्यकों को शैक्षणिक संस्थानों की स्थापना और प्रशासन का अधिकार देता है.

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