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ब्रेकिंग : भाजपा ने जीत ली पहली लोकसभा सीट, सूरत से मुकेश दलाल ने निर्विरोध दर्ज की जीत, जानिए कैसे हुआ यह

बता दें कि सूरत लोकसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी निलेश कुम्भानी का नामांकन रद्द होने के बाद अन्य सभी उम्मीदवारों ने अपने नाम वापस ले लिए. वहीं, कांग्रेस ने आरोप लगाया कि चुनाव में हार के डर से घबराई और बौखलाई भाजपा नामांकन रद्द करवाने के हथकंडे अपना रही है.

कांग्रेस उम्मीदवार का नामांकन क्यों हुआ रद्द?

दरअसल, सूरत से कांग्रेस उम्मीदवार निलेश कुम्भानी के प्रस्तावक में उनके बहनोई जगदीश सावलिया, भांजे ध्रुविन धामेलिया और भागीदार रमेश पोलरा के हस्ताक्षर होने का दावा किया गया था. लेकिन तीनों ने चुनाव अधिकारी के सामने एफिडेविट देकर कहा कि कुम्भानी के फॉर्म में उनके हस्ताक्षर नहीं है.

इसके बाद चुनाव अधिकारी ने जवाब देने के लिएनिलेश कुम्भानी को एक दिन का वक्त दिया था. कांग्रेस उम्मीदवार जब अपने वकील के साथ चुनाव अधिकारी को जवाब देने पहुंचे, उस दौरान तीन में से एक भी प्रस्तावक मौजूद नहीं रहे.

कांग्रेस ने कही ये बात
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शक्तिसिंह गोहिल ने भाजपा पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा, “गुजरात की आवाम का आक्रोश भाजपा के खिलाफ है जगह जगह भाजपा का विरोध. चुनाव में हार के डर से घबराई और बौखलाई भाजपा ने कांग्रेस के उम्मीदवारों के फॉर्म निष्कासित करवाने के हथकंडे अपना रही है. 159 सूरत विधानसभा चुनाव के दौरान नामांकन पत्र में हस्ताक्षर करने वाले मुकर गए थे फिर भी रिटर्निंग ऑफिसर ने जजमेंट उम्मीदवार के पक्ष में देकर फॉर्म स्वीकार किया था, आज सुरत से कांग्रेस उम्मीदवार नीलेश कुम्भणी का नामांकन पत्र में वैसे ही स्थिति है. संवैधानिक संस्था भारतीय चुनाव आयोग की भी जिम्मेदारी है की चुप ना बैठे, संज्ञान ले और उम्मीदवार को चुनाव लड़ने की इजाजत दे. मुझे पूरा विशवास है, गुजरात की प्यारी आवाम का साथ, समर्थन और आशीर्वाद कांग्रेस को और मजबूत बनाएगा.”

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