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पूर्व मंत्री मोहिले के पीए को तीन वर्ष की जेल, सरकारी नौकरी दिलाने के नाम 11 लाख की धोखाधड़ी का मामला

बिगुल
बिलासपुर में नौकरी दिलाने का झांसा देकर 11 लाख रुपये की धोखाधड़ी करने के आरोपी को न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी ने 3 वर्ष सश्रम कारावास और अर्थ दंड की सजा सुनाई है। सिविल लाइन बिलासपुर निवासी शब्बीर की बहन रूही बेगम और भाई आफताब प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे थे। इसकी जानकारी उनके परिचित राधेश्याम श्रीवास को थी।

इसका फायदा राधेश्याम ने उठाते हुए वर्ष 2016 में प्रार्थी परिवार को यह विश्वास दिलाया कि प्रकाश सोनवानी नामक व्यक्ति उसकी पहचान का है, जो पूर्व मंत्री पुन्नू लाल मोहल्ले का पीए है। वह पेमेंट सीट से नौकरी लगवाता है। छात्रावास अधीक्षक पद की चार सीट मंत्री कोटे की है, पैसा देने से दोनों भाई बहन का सिलेक्शन करवा देगा। राधेश्याम ने प्रार्थी परिवार को प्रकाश से भी मुलाकात कराई। उसने भी नौकरी लगवा देने का आश्वासन दिया। राधेश्याम श्रीवास से पुराना परिचय होने से उस पर विश्वास कर आफताब और रूही की नौकरी लगाने के लिए अलग-अलग समय में 11 लाख रुपए उसको दिए। इसमें से कुछ रकम राधेश्याम श्रीवास को कुछ रकम ग्राम डांडगांव मुंगेली निवासी प्रकाश सोनवानी को नगद और कुछ उसके बैंक खाते में जमा की गई।

रिजल्ट आया तो प्रार्थियों का चयन नहीं हुआ। राधेश्याम श्रीवास से उन्होंने संपर्क किया तो उसके द्वारा टालमटोल की जाने लगी। इसके बाद प्रकाश ने उनसे मिलना और फोन उठाना भी बंद कर दिया। धोखाधड़ी का अहसास होने पर प्रार्थी परिवार ने घटना की शिकायत सिविल लाइन थाने में की। दोनों आरोपी राधेश्याम श्रीवास और प्रकाश सोनवानी के विरुद्ध धारा 420, 34 भादवि का अपराध दर्ज कर तत्कालीन निरीक्षक अनिल अग्रवाल द्वारा विवेचना के बाद कोर्ट में अभियोग पत्र प्रस्तुत किया गया। एक आरोपी ने 6 लाख रुपए वापस कर समझौता किया।

न्यायालय में मामले के विचारण के दौरान राधेश्याम श्रीवास ने छह लाख रुपये प्रार्थी परिवार को वापस कर मामले में राजीनामा कर लिया। इस पर उसके विरुद्ध प्रकरण समाप्त कर दिया गया। आरोपी प्रकाश सोनवानी के विरुद्ध प्रकरण जारी रहा। गवाहों के परीक्षण-प्रतिपरीक्षण के बाद न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी प्रेरणा आहिरे ने आरोपी प्रकाश को छल कर रकम प्राप्त करने का दोषी पाते हुए धारा 420 भादवि में 3 वर्ष सश्रम कारावास एवं अर्थदंड से दंडित किया और अर्थदंड की राशि जमा न करने पर पृथक से कारावास का आदेश दिया।

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