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शोक : भाजपा नेता दिलीप सिंह होरा पंचतत्व में विलीन, मोक्षधाम में उमड़े समर्थक और शुभचिंतक, पत्रकार डॉ.अनिल द्विवेदी ने दी श्रद्धांजलि

श्री होरा के बड़े भाई, कांग्रेस के पूर्व विधायक गुरूमुख सिंह होरा ने बताया कि दिलीप सिंह होरा लम्बे समय से बीमार चल रहे थे. घर पर ही उन्होंने अंतिम सांस ली. इसके पहले निजी अस्पताल में इलाज चल रहा था जहां से डिस्चार्ज होने के बाद उन्हें घर लाया गया था मगर गत रात निधन हो गया.

विधि का विधान कुछ और ही था. श्री होरा की शवयात्रा आज उनके सांईनगर स्थित निवास से शुरू हुई. गुरूद्वारा में अंतिम अरदास कराने के बाद उन्हें मुक्तिस्थल लाया गया जहां उनका अंतिम संस्कार किया गया. वे गुरमीत सिंह होरा, सरबजीत सिंह होरा के पिता थे. दिलीप सिंह होरा स्टेशन रोड गुरुद्वारा के पूर्व प्रधान थे. वे अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व अध्यक्ष भी रहे. कांग्रेस के पूर्व विधायक गुरमुख सिंह होरा के भाई थे.

अंतिम यात्रा में विधायक विकास उपाध्याय, पूर्व विधायक राजकमल सिंघानिया, राजेंद्र तिवारी, कांग्रेस के पूर्व विधायक गुरूमुख सिंह होरा, पार्षद बंटी होरा सहित नागरिक उपस्थित थे. दैनिक प्रखर समाचार के प्रधान संपादक श्री दीपक लखोटिया धमतरी से रायपुर पहुंचकर अंतिम यात्रा में शामिल हुए तथा उन्हें अपनी श्रद्धांजलि दी. प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय, विधानसभा अध्यक्ष डॉ रमनसिंह, नेता प्रतिपक्ष चरण दास महंत, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल, वरिष्ठ पत्रकार डॉ.अनिल द्विवेदी सहित कई नेताओं ने होरा को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की है.

होरा ताउम्र पार्टी के लिए समर्पित और प्रतिबद्ध रहे

वरिष्ठ पत्रकार डॉ.अनिल द्विवेदी ने सरदार दिलीप सिंह होरा के निधन पर गहरा दुख प्रगट करते हुए कहा कि वे लम्बे समय से बीमार जरूर थे लेकिन बीच में स्वस्थ्य होकर घूमने फिरने लगे थे. मेरी अंतिम मुलाकात भाजपा कार्यालय एकात्म परिसर में ही हुई थी. श्री होरा विनम्र और शांत स्वभाव के शख्स थे. संपर्कों के सूरमा थे. दल और विचार से हटकर उन्होंने रिश्ते कमाए थे. भाजपा को उन्होंने लगभग 40 साल दिए. यही वजह है कि उन्हें प्रधानमंत्री मोदी से लेकर भाजपा के सभी दिग्गज नेता पहचानते थे, उनका सम्मान करते थे. पार्टी ने उन्हें जब भी कोई जिम्मेदारी दी, पूरी शिददत से उसे निभाया. एक बार उन्होंने बताया था कि बड़े भाई गुरूमुख सिंह होरा कांग्रेस से विधायक का चुनाव लड़ते थे तब वे उनसे दूरी बनाकर चलते थे. श्री होरा ताउम्र पार्टी के लिए समर्पित और प्रतिबद्ध रहे. विनम्र श्रद्धांजलि.

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