लाडक़ुई अस्पताल में गायब थे इमरजेंसी डॉक्टर, नहीं मिला इलाज, सल्फास खाने वाले युवक की मौत
बिगुल
जिले के लाडकुई स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में बड़ी लापरवाही सामने आई है। इमरजेंसी में डॉक्टर के गायब रहने से एक 25 वर्षीय युवक की मौत हो गई। इतना ही नहीं, जब परिजन युवक को लेकर अस्पताल पहुंचे तो डॉक्टर नहीं मिले।
जानकारी के अनुसार, सीहोर जिले के लाचोर निवासी वीरेंद्र चौधरी पिता कांशीराम चौधरी (25) ने सल्फास की गोली खा ली। परिजन उन्हें लाडकुई स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लेकर पहुंचे। इस दौरान इमरजेंसी में कोई डॉक्टर मौजूद नहीं था। नर्स ने औपचारिकता पूरी कर मरीज को बॉटल लगा दी। थोड़ी देर बाद मरीज को सिविल अस्पताल भैरूंदा के लिए रेफर कर दिया गया। वहां से भी भोपाल रेफर किया गया। देर रात युवक की भोपाल में मौत हो गई।
समय पर इलाज मिलता तो बच सकती थी जान
परिजनों ने बताया कि जब वे युवक को अस्पताल लेकर पहुंचे तो इमरजेंसी में कोई डॉक्टर नहीं था। पर्ची काटने वाले कर्मचारी ने औपचारिकताएं पूरी कीं। इस दौरान वहां मौजूद नर्स आई और युवक को बॉटल लगाकर भैरूंदा सिविल अस्पताल के लिए रेफर कर दिया गया। परिजनों का आरोप है कि यदि समय पर इलाज मिल जाता तो उनका बेटा बच सकता था। परिजनों की मांग है कि लापरवाही करने वाले डॉक्टर पर कार्रवाई की जाए।
अक्सर चर्चा में रहता है अस्पताल
सीहोर जिले की भैरूंदा तहसील स्थित लाडकुई सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र हमेशा लापरवाही को लेकर चर्चा में रहता है। इससे पहले भी कई बार यहां इस तरह की घटनाएं हो चुकी हैं। इसके अलावा यह अस्पताल फर्जीवाड़े को लेकर भी सुर्खियों में रहता है। यहां जिम्मेदारों की मिलीभगत से स्टाफ द्वारा स्वास्थ्य विभाग को भी चूना लगाया जाता रहा है। गौरतलब है कि लाडकुई सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में बड़ी संख्या में आदिवासी क्षेत्र के मरीज आते हैं, लेकिन उन्हें कई बार समय पर इलाज नहीं मिल पाता। इसकी शिकायतें पहले भी की जा चुकी हैं, लेकिन अब तक व्यवस्थाएं सुधरी नहीं हैं।