मध्यप्रदेश

किसान ने परिवार सहित खाया जहर, जमीन अधिग्रहण के मिले सिर्फ 3500 रुपये

बिगुल

रतलाम :- आर्थिक तंगी से जूझ रहे परिवार ने सरकारी मुआवजा बेहद कम मिलने पर जहर खाकर आत्महत्या करने की नाकाम कोशिश की है। मिली जानकारी के अनुसार परिवार का मुखिया लगातार मुआवजे की राशि के लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगा रहा था लेकिन जब उसे चारों तरफ से निराशा हाथ लगी तो उसने आत्मघाती कदम उठाने का फैसला कर लिया.

उसने खुद भी जहर निगला और अपनी पत्नी और बेटे को भी जहरीले चावल खिला दिए। तीनों को इलाज के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है जहां पर तीनों की हालत अब सामान्य बताई जा रही है।जिला अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती अतुल रजक ने बताया कि रामपुर तहसील अंतर्गत खजुरिया में उसकी जमीन थी जिसका अधिग्रहण रेलवे ने कर लिया था। जमीन के एवज में उसे रेलवे ने मात्र 35 सौ रुपये मुआवजा दिया था।

जमीन चली जाने के बाद सरकार की तरफ से मिलने वाली किसान सम्मान निधि भी बंद हो गई। जमीन भी चली गई और सरकारी तौर पर मिलने वाली मदद भी बंद हो जाने से वह आर्थिक तंगी का शिकार हो गया।किसान ने बताया कि इस संकट ने उसे मानसिक रूप से भी परेशान कर दिया। उसने एसडीएम के यहां आवेदन पेश कर किसान सम्मान निधि पुनः चालू कराने की मांग की। सीएम हेल्पलाइन में भी शिकायत दर्ज कराई।

लेकिन कहीं से कोई राहत नहीं मिली। सोमवार को भी अतुल ने सीएम हेल्पलाइन में संपर्क कर अल्टीमेटम दिया कि अगर उसकी समस्या का समाधान नहीं हुआ तो वह परिवार सहित जान दे देगा।अतुल की पत्नी गीता रजक ने बताया कि अतुल ने उसे और बेटे अंश को चावल रखने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली कीटनाशक दवा मिले हुए जहरीले चावल खिलाये और खुद भी वही चावल खा लिए। बेटे को वह समय से पहले ही विहिप स्कूल से छुट्टी करा कर घर ले आया था। चावल खाने के बाद तीनों की हालत बिगड़ गई थी। पड़ोसी ने उन्हें देखा तो अन्य ग्रामीणों की मदद से अस्पताल ले आए।

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