बह निकले झरने, आने लगे पर्यटक, पुलिस की अपील, खतरों के खिलाड़ी न बनें

बिगुल
मानसून के मौसम के साथ ही इंदौर और इसके आसपास के क्षेत्रीय पर्यटन स्थलों पर पर्यटकों की भीड़ बढ़ने लगी है। तिंछा फॉल, पातालपानी, सीतलामाता फॉल, कजलीगढ़, मोहाड़ी फॉल और हत्यारी खो जैसे 100 से अधिक पर्यटन स्थल पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित कर रहे हैं। खासकर वीकेंड पर यह स्थल सैकड़ों पर्यटकों से भरे रहते हैं, जो इन स्थानों की हरियाली और प्राकृतिक सुंदरता का आनंद लेने आते हैं लेकिन इन खूबसूरत स्थलों के साथ एक खतरनाक पहलू भी जुड़ा हुआ है, यानी इन स्थलों पर सुरक्षा के पर्याप्त इंतजामों की कमी।
पिछले एक साल में इन पर्यटन स्थलों पर 15 से अधिक दुर्घटनाएं हो चुकी हैं, जिनमें कुछ लोगों की जान भी चली गई। बावजूद इसके, सुरक्षा इंतजामों में कोई विशेष बदलाव नजर नहीं आ रहे हैं। कई प्रमुख स्थानों पर फेंसिंग और बैरिकेडिंग तक नहीं की गई है, जबकि प्रशासन ने सुरक्षा बढ़ाने के लिए पिछले साल गाइडलाइन जारी की थी। इन स्थानों पर दुर्घटनाओं के संकेतक बोर्ड भी नहीं लगाए गए हैं। हाल ही में डबलचौकी क्षेत्र में हुए दो डूबने के हादसों में दो लोगों की मौत हो गई थी।
पुलिस प्रशासन ने लिया सख्त कदम
इंदौर के डीआईजी ग्रामीण निमिष अग्रवाल ने इस गंभीर स्थिति को देखते हुए सभी थाना प्रभारियों को निर्देशित किया है कि वे अपने-अपने क्षेत्र के खतरनाक पिकनिक स्थलों पर पुलिस बल की तैनाती करें। खासकर वीकेंड पर इन स्थानों की निगरानी जरूरी कर दी गई है। इसके अलावा, ग्राम रक्षा समिति को भी इस कार्य में सक्रिय भूमिका निभाने के निर्देश दिए गए हैं। ग्राम रक्षा समिति के 100 से अधिक सदस्य स्थानीय इलाकों की जानकारी रखते हुए सुरक्षा में मदद करेंगे।
इंदौर के प्रमुख पिकनिक स्थलों जैसे पातालपानी और तिंछा फॉल पर कई हादसे हो चुके हैं। 2021 में तिंछा फॉल पर फिसलने से तीन युवकों की मौत हो गई थी। पातालपानी जैसे प्रसिद्ध जलप्रपातों में जलस्तर बढ़ने और फिसलन के कारण कई बार हादसे हो चुके हैं। स्थानीय प्रशासन और पुलिस ने पहले चेतावनी बोर्ड, रस्सियों और बैरिकेड्स लगाए थे, लेकिन पर्यटकों द्वारा इन सुरक्षा उपायों की अनदेखी की जाती है।
इंदौर पुलिस प्रशासन और जिला प्रशासन ने आम नागरिकों से अपील की है कि वे अपनी सुरक्षा का ध्यान रखें और चेतावनी बोर्ड और बैरिकेड्स का पालन करें। खासतौर पर युवा वर्ग से आग्रह किया गया है कि वे सोशल मीडिया पर वायरल कंटेंट बनाने के चक्कर में खतरनाक हरकतें न करें। डीआईजी निमिष अग्रवाल ने कहा कि यदि कोई व्यक्ति चेतावनी के बावजूद खतरनाक क्षेत्र में प्रवेश करता है, तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
सेल्फी और स्टंट से बढ़ रहे हादसे
हाल ही में मोहाड़ी फॉल पर तीन युवकों ने सेल्फी लेने के चक्कर में 300 फीट गहरी खाई में उतरने का प्रयास किया और रास्ता भटक गए। मोबाइल नेटवर्क न होने के कारण वे किसी से सहायता भी नहीं ले पाए। बाद में पुलिस और परिजनों ने उन्हें ढूंढकर सुरक्षित बाहर निकाला। ऐसे घटनाएं दर्शाती हैं कि पर्यटन स्थलों पर सेल्फी और स्टंट की वजह से हादसे बढ़ रहे हैं।