मध्यप्रदेश

नर्मदा तटों पर अवैध रेत उत्खनन के खिलाफ प्रशासन की कार्रवाई, जेसीबी मशीनें व ट्रैक्टर-ट्रॉली किये जब्त

बिगुल
सीहोर में रेत माफियाओं पर नकेल कसने के लिए प्रशासन ने सख्त रुख अपनाया है। भैरूंदा एसडीएम मदन सिंह रघुवंशी और अन्य अधिकारियों ने निजी वाहनों से नर्मदा तटों पर अचानक पहुंचकर छापेमारी की। इस कार्रवाई से रेत माफियाओं में हड़कंप मच गया और वे अपने वाहन छोड़कर भाग निकले। अधिकारियों ने सातदेव, टिगाली, छिपानेर सहित अन्य घाटों पर छापेमारी करते हुए अवैध रूप से रेत खनन कर रही 2 जेसीबी मशीनें एवं 12 से अधिक ट्रैक्टर-ट्रॉली जब्त की। सभी जब्त वाहनों को भैरूंदा थाने में खड़ा कराया गया है।

अवैध उत्खनन पर प्रशासन की सख्ती
बता दें कि सीहोर जिले में अवैध रेत उत्खनन जोरों पर है, जिससे न केवल नर्मदा नदी का पारिस्थितिकी तंत्र प्रभावित हो रहा है, बल्कि सरकारी राजस्व को भी भारी नुकसान हो रहा है। कलेक्टर बालागुरू के के निर्देश पर खनिज विभाग और राजस्व विभाग की संयुक्त टीम लगातार अवैध उत्खनन करने वालों पर कार्रवाई कर रही है। नर्मदा घाटों पर अधिकारियों की छापेमारी से रेत माफियाओं में दहशत का माहौल है।

खनिज विभाग की सतर्कता के बावजूद जारी है अवैध खनन
खनिज विभाग ने अवैध उत्खनन रोकने के लिए जांच चौकियां स्थापित की हैं, वहीं रेत कंपनी का उड़नदस्ता भी गश्त कर निगरानी बनाए हुए है। इसके बावजूद, अवैध खनन रुकने का नाम नहीं ले रहा है। शनिवार-रविवार की रात भैरूंदा एसडीएम मदन सिंह रघुवंशी और राजस्व अमले ने निजी वाहनों से नर्मदा तट के सातदेव, टिगाली और छिपानेर घाटों पर दबिश दी। अधिकारियों के अचानक पहुंचने से रेत माफिया वाहन छोड़कर फरार हो गए। इस दौरान दो जेसीबी मशीन और 12 ट्रैक्टर-ट्रॉली जब्त कर भैरूंदा थाने में खड़ी करवाई गईं।

रेत खदान नहीं, फिर भी हो रहा अवैध खनन
भैरूंदा तहसील के छिपानेर, टिगाली, सातदेव, नीलकंठ और मंडी सहित कई नर्मदा घाटों पर अधिकृत रेत खदानें नहीं हैं, बावजूद इसके यहां बड़े पैमाने पर अवैध खनन किया जा रहा है। जेसीबी और पोकलेन मशीनों की मदद से नर्मदा नदी से अवैध रूप से रेत निकालकर ट्रैक्टर-ट्रॉली में भरकर ले जाया जा रहा है, जिससे सरकारी खजाने को रोजाना लाखों रुपये का नुकसान हो रहा है।

एसडीएम का बयान
भैरूंदा एसडीएम मदन सिंह रघुवंशी ने कहा कि नर्मदा घाटों पर अवैध रेत उत्खनन के खिलाफ लगातार कार्रवाई की जा रही है। इस दौरान जब्त की गई मशीनों और वाहनों को थाने में खड़ा कराया जा रहा है। प्रशासन की यह सख्ती आगे भी जारी रहेगी, ताकि अवैध उत्खनन पर पूरी तरह से रोक लगाई जा सके।

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