दर्दनाक : एडीशनल एसपी के बेटे को कार ने रौंदा, बच्चे की मौत, सुबह स्केटिंग करने निकला था, रसूखदार नेता का बेटा और दोस्त गिरतार
बिगुल
लखनऊ. एक कार 8 साल के बच्चे के लिए काल बनकर आई। एडिशनल एसपी के बेटे को तेज रफ्तार कार ने रौंद डाला और वही बच्चे की मौत हो गई। तेज स्पीड का कहर पहले भी कई बार लोगों के लिए काल साबित हो चुका है, लेकिन फिर भी लोग मानने को तैयार नहीं हैं।
आठ साल का बच्चा सुबह-सुबह करीब 5 बजे स्केटिंग की प्रेक्टिस कर रहा था। साथ में उसका कोच भी था, लेकिन तभी पीछे से एक तेज स्पीड कार आई और बच्चे को रौंदती हुई आगे बढ़ गई। आठ साल का ये बच्चा देखते ही देखते काल ग्रास बन गया। रफ्तार ने एक मासूम की जिंदगी छीन ली। एक परिवार से उनका बेटा छीन लिया।
ये घटना लखनऊ की है। और जिस बच्चे को कार के नीचे रौंदा गया है वो लखनऊ एडीशनल एसपी श्वेता श्रीवास्तव का बेटा था। घर से स्कैट की प्रैक्टिस के लिए निकला था, लेकिन किसे पता था कि सुबह-सुबह कोई काल उसे अपना ग्रास बना लेगी।
खबरें सामने आ रही हैं कि ये कार कॉलेज के दो छात्र देवश्री वर्मा और सार्थक सिंह चला रहे थे और ये दोनों एक दूसरी कार से रेसिंग कर रहे थे। कार की स्पीड इतनी ज्यादा था कि बच्चे को सामने देखते हुए भी ये नहीं रोक पाए। अब दोनों आरोपियों को गिरफ्तार भी कर लिया गया है। देवश्री वर्मा इंजीनियरिंग कर रहा है जबकि सार्थक सिंह एमिटी यूनिवर्सिटी से बीबीए। दोनों एक्सयूवी 700 कार में थे। ये कार कानपुर के जूलर अंशुल वर्मा की है जो देवश्री के चाचा हैं।
बच्चे की मौत से पूरे शहर में सनसनी फैल गई है, लेकिन तेज स्पीड से मौत का ये कोई पहला मामला नहीं है। आए दिन खबरें आती हैं कि तेज स्पीड कार ने लोगों को कुचल डाला, रौंद डाला। हमारे देश में सबसे ज्यादा एक्सीडेंट रोड एक्सीडेंट की वजह से ही होते हैं। आप न्यूज पेपर उठा लीजिए, टीवी खोल लीजिए आए दिन आपको खबरें मिल जाएंगी कि तेज वाहन ने किसी की जान ले ली है, लेकिन फिर लोग नहीं संभलते।
तेज गति वाहनों से होने वाले एक्सीडेंट के डाटा चौंकाने वाले
साल 2021 के एक एक डाटा के मुताबिक इस साल सबसे अधिक सड़क हादसे तेज गति से वाहन चलाने की वजह से हुए। कुल 4,03,116 रोड एक्सीडेंट्स में से 59.7 प्रतिशत हादसे तेज स्पीड वाहन ने किए। ये सख्या 2,40,828 जिसमें से 87,050 लोगों ने जान गवां दी जबकि बाकी लोग घायल हुए। सोचिए ये कितना बड़ा डाटा है। कभी किसी के बेटे की मौत होती है, कभी किसी का भाई मरता है, कभी किसी की मां या बहन या पत्नी, लेकिन लोगों को तेज गाड़ी चलाने का नशा है। ये किसी कत्ल से कम नहीं है।