स्पेशल स्टोरी : राज्यसभा से ‘रिटायर’ होने वाले अपने ‘कद्दावर नेताओं’ का क्या करेगी बीजेपी..? सरोज पाण्डे के सामने हैं दो विकल्प
बिगुल
नई दिल्ली. राज्यसभा से भाजपा के कई वरिष्ठ नेता रिटायर होने वाले हैं. कई कद्दावर नेताओं को राज्यसभा में लगातार दो बार भेजा जा चुका है. बीजेपी का अलिखित नियम है कि कुछ अपवादों को छोड़ कर दो से अधिक बार राज्यसभा सीट न दी जाए. पीएम मोदी अगस्त में बीजेपी संसदीय दल की बैठक में कह चुके हैं कि राज्यसभा के नेताओं को लोकसभा चुनाव लड़ना चाहिए. बीजेपी अध्यक्ष जे पी नड्डा समेत कई वरिष्ठ मंत्रियों का राज्य सभा कार्यकाल अप्रैल में खत्म हो रहा है.
इन मंत्रियों का खत्म हो रहा है कार्यकाल
कैबिनेट मंत्री भूपेंद्र यादव, धर्मेंद्र प्रधान, मनसुख मांडविया, अश्विनी वैष्णव, हरदीप सिंह पुरी, नारायण राणे, पुरुषोत्तम रूपाल जैसे नौ मंत्रियों का कार्यकाल समाप्त हो रहा है. इनमें राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर, वी मुरलीधरन और एल मुरुगन भी शामिल हैं, जबकि वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन और वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल तीसरी बार राज्य सभा में हैं. भूपेंद्र यादव, धर्मेंद्र प्रधान, रूपाला, मांडविया और नड्डा दो बार से राज्यसभा के सांसद हैं.
चुनाव लड़ने की तैयारी में ये राज्यसभा सांसद
धर्मेंद्र प्रधान अपने गृह राज्य ओडिशा से चुनाव लड़ने की तैयारी में और अश्विनी वैष्णव वैसे तो राजस्थान के रहने वाले हैं, लेकिन उनका कार्यक्षेत्र ओडिशा रहा है. वे ओडिशा के बालासोर से चुनाव लड़ सकते हैं. रूपाला और मांडविया के गुजरात से चुनाव लड़ने की चर्चा है. भूपेंद्र यादव हरियाणा से चुनाव लड़ सकते हैं. निर्मला सीतारामण के तमिलनाडु और पीयूष गोयल के महाराष्ट्र से लोक सभा चुनाव लड़ने की चर्चा है. हाल ही में बीजेपी ने अपने 21 सांसदों को विधानसभा का चुनाव लड़ाया, जिनमें 12 विधायक बन गए. उनकी जगह भी कुछ राज्यसभा सांसदों को चुनाव मैदान में उतारा जा सकता है.
कुछ को लोकसभा का चुनाव लड़ा सकती है भाजपा
बीजेपी के जिन राज्यसभा सांसदों का कार्यकाल अप्रैल में समाप्त हो रहा है, उनमें अनिल अग्रवाल, अनिल बलूनी, अशोक वाजपेयी, अनिल जैन, प्रकाश जावडे़कर, कांता कर्दम, सुशील मोदी, समीर ओंराव, सकलदीप राजभर, जीवीएल नरसिम्हाराव, अजय प्रताप सिंह, कैलाश सोनी, विजयपाल सिंह तोमर, डी पी वत्स और हरनाथ सिंह यादव शामिल हैं. बीजेपी इनमें से कुछ को लोकसभा का चुनाव लड़ा सकती है, क्योंकि इनमें से कई को अभी वापस राज्य सभा नहीं लाया जा सकता.
छत्तीसगढ़ से राज्यसभा सांसद सरोज पाण्डे का समीकरण
छत्तीसगढ़ से राज्यसभा सांसद सरोज पाण्डे का कार्यकाल भी आगामी अप्रैल माह तक है. उसके बाद उनका भी राजनीतिक भविष्य तय होगा. समझा जा रहा है कि पार्टी उन्हें फिर से रिपीट कर सकती है या फिर लोकसभा चुनाव लड़वा सकती है. सरोज पाण्डे दोनों ही विकल्प के लिए तैयार हैं हालांकि वे विधानसभा चुनाव लड़ना चाहती थी लेकिन ऐसा हो ना सका. हालांकि केंद्रीय आलाकमान ने उनकी राजनीतिक सूझबूझ की परीक्षा हाल ही में राजस्थान में ली है जिसमें वे सफल भी रहीं. राजस्थान का मुख्यमंत्री चुनने के लिए आलाकमान ने जो पैनल बनाया था, सरोज पाण्डे उसका सदस्य थी.
नए समीकरण के हिसाब से कांग्रेस को अब हिमाचल प्रदेश में राज्यसभा की एक सीट का फायदा होगा. बीजेपी मध्य प्रदेश और राजस्थान में अपनी सभी सात सीटें बरकरार रख सकेगी. कांग्रेस राजस्थान और एमपी में मौजूदा एक-एक सीट बरकरार रखेगी. कांग्रेस को तेलंगाना में फायदा होगा, जबकि टीएमसी पश्चिम बंगाल में चार सीटें बरकरार रखेगी, वहां बीजेपी को एक सीट मिलनी है. आम आदमी पार्टी को दिल्ली से फिर से तीन सीटें मिल जाएंगी.
बीजेपी राष्ट्रीय महासचिवों की बैठक 6 तारीख को भाजपा मुख्यालय में बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा अध्यक्षता करेंगे. लोकसभा चुनावों की तैयारियों तथा विकसित भारत संकल्प यात्रा की समीक्षा होगी. अयोध्या में 22 जनवरी के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम तथा 25 जनवरी से शुरू होने वाले पार्टी के राम लला दर्शन अभियान की तैयारियों का जायजा लिया जाएगा. कुछ राज्यों के प्रभारी भी बदले जा सकते हैं.